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नागरिकता कानून से खराब होगी भारत की ऐतिहासिक धर्मनिरपेक्ष छवि: बांग्लादेश

लोकसभा के बाद नागरिकता संशोधन बिल गुरुवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। इसको लेकर जहां एक तरफ जहां देश...
नागरिकता कानून से खराब होगी भारत की ऐतिहासिक धर्मनिरपेक्ष छवि: बांग्लादेश

लोकसभा के बाद नागरिकता संशोधन बिल गुरुवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। इसको लेकर जहां एक तरफ जहां देश के पूर्वोत्तर हिस्से में भारी विरोध प्रदर्शन चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ से इसके पक्ष और विपक्ष की तरफ से भी कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। नागरिकता संशोधन बिल को लेकर अमेरिका, पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र की ओर से आई प्रतिक्रिया के बाद अब इस पर बांग्लादेश की तरफ से ताजा टिप्पणी आई है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक से भारत की ऐतिहासिक पंथनिरपेक्ष छवि कमजोर होगी। उन्होंने अपने देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताए जाने के आरोपों का भी खंडन किया।

पंथनिरपेक्ष छवि कमजोर होगी

मोमेन ने कहा, 'ऐतिहासिक रूप से भारत सहिष्णु देश है जो पंथनिरपेक्षता में भरोसा करता है, लेकिन यह छवि कमजोर होगी अगर वे इससे हटेंगे।' उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के मित्रवत संबंध हैं और इसे द्विपक्षीय संबंधों का 'सुनहरा अध्याय' करार दिया जाता है। इसलिए स्वभाविक है कि हमारे लोग (बांग्लादेशी) उम्मीद करते हैं कि भारत ऐसा कुछ नहीं करे जिससे उनमें व्यग्रता पैदा हो।'

सभी धर्म के लोगों को बराबर अधिकार मिलें              

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश धार्मिक सौहार्द को कायम रखता है और यह सुनिश्चित करता है कि सभी धर्म के लोगों को बराबर अधिकार मिलें। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा कि गुरुवार को उन्होंने ढाका में अमेरिकी राजदूत अर्ल आर मिलर से बात की और उन्होंने भी नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर चिंता जताई।

कुछ ही देश हैं जहां पर बांग्लादेश की साम्प्रदायिक सौहार्द अच्छा है

बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉक्टर एके अब्दुल मोमेन ने कहा, “ऐसे कुछ ही देश हैं जहां पर बांग्लादेश की साम्प्रदायिक सौहार्द अच्छा है। अगर गृह मंत्री अमित शाह कुछ महीने बांग्लादेश में ठहरते हैं तो वे हमारे देश में शानदार भाईचारा देखेंगे।”

मोमेन ने कहा  कि वहां पर (भारत में) कई सारी समस्याएं हैं। वे उन चीजों को लेकर लड़ रहे हैं। उसका हमारे लिए कोई परेशानी वाली बात नहीं है। एक दोस्त देश होने के नाते हम यह उम्मीद करते हैं कि भारत ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे हमारा दोस्ताना संबंधों पर असर पड़ेगा।

धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताए जाने का आरोप गलत                  

मोमेन ने भारत के गृहमंत्री के बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के सताए जाने के आरोप को झूठ करार दिया। उन्होंने कहा, 'जिन्होंने भी उन्हें यह सूचना दी वह सही नहीं है।' उन्होंने कहा, 'हमारे देश के कई अहम फैसले विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोगों की ओर से लिए जाते हैं.. हम किसी का भी आकलन उनके धर्म से नहीं करते।' मोमेन कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व भी उनके दावे की पुष्टि करते हैं।

जानें क्या बोले थे अमित शाह

अमित शाह ने जिक्र किया था कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान एक इस्लामिक देश हैं, ऐसे में वहां पर अन्य धर्म के लोग अल्पसंख्यक हैं। यही कारण है जिन अल्पसंख्यकों की वहां पर धार्मिक प्रताड़ना हो रही है और वो भारत आ रहे हैं, तो उन्हें यहां नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।

इस दौरान अमित शाह ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हुई कुछ घटनाओं का भी जिक्र किया था, हालांकि साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि वहां मौजूदा शेख हसीना सरकार अब माहौल ठीक करने में जुटी हुई हैं।

राज्यसभा और लोकसभा में पास हुआ बिल

नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े, जबकि 80 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 125 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राज्यसभा में विधेयक को पेश किया, जिस पर करीब छह घंटे की बहस के बाद अमित शाह ने सदन में विधेयक से संबंधित जवाब दिए। मालूम हो कि इस बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

विपक्ष इस विधेयक का लगातार विरोध कर रहा है और संविधान विरोधी बता रहा है। इस विधेयक के खिलाफ असम सहित पूवोर्त्तर के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है। विधेयक को स्थायी समिति में भेजने का प्रस्ताव खारिज हो गया। समिति के पास इसे नहीं भेजने के पक्ष में 124 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े। शिवसेना ने सदन से वॉकआउट किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।

क्या है नागरिकता संशोधन बिल

नागरिकता संशोधन बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।

 

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