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इजरायल और बहरीन के बीच शांति समझौता, डोनाल्‍ड ट्रंप ने बताया ऐतिहासिक सफलता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को बहरीन के साथ मध्य पूर्व में एक और "शांति समझौते" की...
इजरायल और बहरीन के बीच शांति समझौता, डोनाल्‍ड ट्रंप ने बताया ऐतिहासिक सफलता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को बहरीन के साथ मध्य पूर्व में एक और "शांति समझौते" की घोषणा की कि यह इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों को सामान्य करेगा। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि "बहरीन ने इजरायल के साथ अपने राजनयिक संबंधों को पूरी तरह से सामान्य करने का फैसला किया है।" यह घोषणा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के एक महीने बाद हुई और इजरायल ने भी इसी तरह के समझौते की घोषणा की। यूएई और इजरायल के नेता अगले सप्ताह व्हाइट हाउस में अपने समझौते को अंतिम रूप देने वाले हैं।

बता दें कि पिछले महीने संयुक्ती अरब अमीरात (यूएई) के अलावा, वो जॉर्डन और मिस्र के साथ समझौता कर चुका है। अगस्त में यूएई से समझौता होने से पहले इजराइल का खाड़ी अरब देशों के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं था।

ट्रंप ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और बहरीन के राजा हमद बिन ईसा अल खलीफा के बीच एक ऐतिहासिक सफलता की मेजबानी की और दोनों सौदों की मध्यस्थता का श्रेय ट्रंप को दिया जा रहा है।

बहरीन और इजराइल से अपेक्षा की जाती है कि वे दूतावासों और राजदूतों का आदान-प्रदान करें, दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान की अनुमति दें और स्वास्थ्य, व्यवसाय, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, सुरक्षा और कृषि सहित कई क्षेत्रों में सहयोग की पहल शुरू करें। ट्रंप ने कहा "यह वास्तव में ऐतिहासिक दिन था।" ट्रंप ने ट्वीट करते हुए भी कहा कि आज एक और ऐतिहासिक सफलता!" हमारे दो महान दोस्त इजराइल और किंगडम ऑफ बहरीन शांति समझौते के लिए सहमत हैं।

यह देखते हुए कि पिछले 72 वर्षों में इजरायल के साथ केवल दो "शांति समझौते" हुए हैं, ट्रंप ने कहा कि यह अब दूसरा ‘शांति समझौता’ है जिसकी उन्होंने पिछले महीने में घोषणा की।

गौरतलब है कि बहरीन मध्य पूर्व का चौथा अरब देश बन गया है जिसने 1948 में इस्राइल की स्थापना के बाद से उसे मान्यता दी है। इनके अलावा दो अन्य देश मिस्र और जॉर्डन हैं। जबकि पिछले महीने यूएई ने इस्राइल के साथ शांति समझौता किया है। 1948 में आजादी के बाद इजराइल का किसी अरब देश के साथ यह सिर्फ चौथा समझौता है। अगस्त में यूएई से समझौता होने से पहले इजराइल का खाड़ी अरब देशों के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं था। दोनों की ईरान को लेकर चिंताओं ने उनके बीच एक अनौपचारिक संपर्क को जन्म दिया है।

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