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मनोहर पर्रिकर का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

गोवा के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार देर रात 63 वर्ष की उम्र में...
मनोहर पर्रिकर का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

गोवा के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार देर रात 63 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। आज शाम पणजी के मिरामर में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से ग्रस्त थे, जिसका पता पिछले साल फरवरी में चला था। उसके बाद उन्होंने गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज कराया। भारत सरकार ने आज देश में राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी। वहीं गोवा में 18 मार्च से 24 मार्च तक 7 दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया।

पर्रिकर की अंतिम यात्रा शाम चार बजे से शुरू हुई। पर्रिकर के शव को भारतीय जनता पार्टी के गोवा दफ्तर में लाया गया, जहां बड़ी संख्या में आम जनता उनके अंतिम दर्शन करने पहुंची। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पर्रिकर को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने मनोहर पर्रिकर के परिवार वालों से भी मुलाकात की।

राष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत विपक्षी दल के नेताओं ने भी पर्रिकर के निधन पर शोक जताया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना पाकर शोकाकुल हूं।’’ उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में वह ईमानदारी और समर्पण की मिसाल हैं। गोवा और भारत की जनता के लिए उनके काम को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया है, ‘‘श्री मनोहर पर्रिकर बेमिसाल नेता थे. एक सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे, सभी उनका सम्मान करते थे। देश के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी। उनके निधन से बहुत दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदनाएं। शांति।’’

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गोवा के मनोहर पर्रिकर के निधन पर दुख जताया। कहा कि वह गोवा के सबसे चहेते बेटों में से एक थे।

गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें ऐसा सामाजिक कार्यकर्ता और कुशल प्रशासक बताया जिन्होंने अपने राज्य को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने कहा कि पर्रिकर के जाने से उत्पन्न हुए शून्य को भरा नहीं जा सकता। सिन्हा ने पर्रिकर के परिजन से मिलकर उन्हें सांत्वना दिया।

नाक में ड्रिप लगाकर कर रहे थे काम

कैंसर से गंभीर तौर पर जूझने के बावजूद वह बीते कई महीनों से सीएम के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रहे थे। नाक में ड्रिप लगाए उनकी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। 30 जनवरी को उन्होंने राज्य का बजट पेश किया था। गोवा में बीजेपी और राजनीति के एक मजबूत स्तंभ रहे मनोहर पर्रिकर आईआईटी से पढ़े थे। देश के पढ़े-लिखे और सादगी से जीवन जीने वाले नेता के तौर पर उनकी खास पहचान थी।

फरवरी 2018 में पर्रिकर को पैनक्रियाटिक कैंसर की पहचान हुई थी। उनका गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज हुआ। जिन दिनों वह बेहद बीमार थे, तब वह राज्य की विधानसभा में 2019-20 का बजट पेश करने आए थे। इस दौरान उन्होंने बेहद आत्मविश्वास से कहा था, 'मैं जोश में भी हूं और होश में भी हूं।'

चार बार रहे गोवा के सीएम

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के तौर पर शुरुआत कर गोवा के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री बनने वाले पर्रिकर की छवि हमेशा ही बहुत सरल और सामान्य व्यक्ति की रही। मई 2014 को चौथी बार उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले के कार्यकाल में नवंबर 2014 में उन्हें राज्य से बुलाकर केंद्र में रक्षा मंत्री बनाया गया था। 

वह सर्वस्वीकार्य नेता थे। ना सिर्फ भाजपा बल्कि दूसरे दलों के लोग भी उनका मान-सम्मान करते थे। उन्होंने गोवा में भाजपा को मजबूत आधार प्रदान किया। लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहने वाले गोवा में क्षेत्रीय संगठनों की पकड़ के बावजूद भाजपा उनके कारण मजबूत हुई।

मध्यमवर्गिय परिवार में 13 दिसंबर, 1955 में जन्मे पर्रिकर ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के रूप में करियर शुरू किया। यहां तक कि आईआईटी बंबई से स्नातक करने के बाद भी वह संघ से जुड़े रहे।

सक्रिय राजनीति में पर्रिकर का पदार्पण 1994 में पणजी सीट से भाजपा टिकट पर चुनाव जीतने के साथ हुआ। वह 2014 से 2017 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में रक्षा मंत्री रहे।

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