Advertisement

छठे चरण में चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर, जानें किस सीट पर किससे है मुकाबला

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में सात राज्यों की  59 सीटों पर वोटिंग जारी है। छठे चरण में चार...
छठे चरण में चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर, जानें किस सीट पर किससे है मुकाबला

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में सात राज्यों की  59 सीटों पर वोटिंग जारी है। छठे चरण में चार मुख्यमंत्रियों और कुछ केंद्रीय मंत्रियों साहित कई दिग्गजों की चुनावी किस्मत का फैसला होना है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, भोपाल सीट से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह तथा सोनीपत सीट से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा कांग्रेस के टिकट पर और उत्तर प्रदेश के पूर्व  मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आजमगढ़ सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, मोदी सरकार के मंत्री राधा मोहन सिंह, बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है।

इस चरण में आजमगढ़ में सपा चीफ अखिलेश यादव के सामने बीजेपी की ओर से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ, भोपाल में दिग्विजय सिंह के सामने बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने बीजेपी ने डॉ. केपी यादव, उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से शीला दीक्षित के सामने बीजेपी ने मनोज तिवारी को मैदान में उतारा है। 

दिग्विजय सिंह बनाम साध्वी प्रज्ञा

भोपाल सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा है। दिग्विजय सिंह 1993 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उसके बाद वे 2003 तक मुख्यमंत्री रहे। 2003 में बीजेपी की उमा भारती सीएम बनीं। चुनाव हारने के बाद दिग्विजय सिंह ने तय किया कि वे अगले 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ेंगे। फिर वे पार्टी के महासचिव बन गए। आंध्र प्रदेश, असम, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की जिम्मेदारी दी गई। जनवरी 2014 में वह मध्यप्रदेश से राज्यसभा सदस्य चुने गए।

अखिलेश बनाम निरहुआ

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव इस बार आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अखिलेश यादव ने 2000 में अपना पहला लोकसभा चुनाव कन्नौज सीट से लड़ा और जीते। इसके बाद वह 2004 और 2009 का चुनाव भी कन्नौज से जीते। 2012 में महज 38 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उनके सामने बीजेपी की ओर से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को उतारा गया है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत सीट से चुनावी मैदान में हैं। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद रमेश कौशिक को उतारा है। वहीं, जननायक जनता पार्टी ने दिग्विजय चौटाला को टिकट दिया है। भूपेंद्र सिंह तीन बार रोहतक सीट से सांसद रह चुके हैं।

शीला दीक्षित बनाम मनोज तिवारी

कांग्रेस ने दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से प्रत्याशी बनाया है। 2019 के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान तजुर्बेकार शीला दीक्षित को सौंपी है। 1998 में जिस समय शीला दीक्षित को सोनिया गांधी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था, उस समय भी कांग्रेस की हालत आज जैसी पतली ही थी।

शीला दीक्षित के खिलाफ बीजेपी ने मनोज तिवारी को मैदान में उतारा है। 2009 में मनोज तिवारी ने समाजवादी पार्टी की ओर से राजनीति में अपना भविष्य आजमाया पर असफल रहे थे। 2014 में बीजेपी ने उन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से टिकट दिया और मोदी लहर में मनोज चुनाव जीत गए। इसके बाद उन्हें दिल्ली बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।

ज्योतिरादित्य सिंधिया

47 वर्षीय ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की गुना संसदीय सीट से लोकसभा सांसद हैं। इस बार फिर वह गुना सीट से ही मैदान में है। 30 सितंबर, 2001 को विमान हादसे में ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया की मौत हो गई। फिर ज्योतिरादित्य राजनीति में आए। 2002 लोकसभा में उन्हें सर्वप्रथम चुना गया, 2004 में 14वीं लोकसभा में उन्हें दोबारा चुना गया। सिंधिया के सामने बीजेपी ने डॉ. केपी यादव को उतारा है।

राधामोहन सिंह

बीजेपी ने राधामोहन सिंह को पूर्वी चंपारण से टिकट दिया है। राधामोहन सिंह ने राजनीति की शुरुआत 1967 में छात्र नेता के तौर पर की। उनके जनसंपर्क और जनजुड़ाव का ही नतीजा है कि वह 1989 से लेकर अब तक 5 बार सांसद रहे।

हंसराज हंस

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी के टिकट पर गायक हंसराज हंस चुनाव लड़ रहे हैं। हंस राज हंस ने 2009 में शिरोमणि अकाली दल से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। पांच साल बाद, 2014 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली। फिर 10 दिसंबर 2016 को भाजपा में शामिल हो गए। 2017 में एमसीडी चुनाव में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया।

गौतम गंभीर

भाजपा ने पूर्वी दिल्ली सीट पर चुनावी मैदान में गौतम गंभीर को उतारा है। गंभीर भारत के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी थे। इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने आतिशी मरलेना को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने गंभीर के साथ मुकाबले में अरविंदर सिंह लवली को चुनावी मैदान में उतारा है। बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज गौतम दिल्ली से घरेलू क्रिकेट खेलते थे। इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलते थे। भारत सरकार ने 2008 में गंभीर को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था। अभी भाजपा के टिकट पर पूर्वी दिल्ली सीट पर चुनावी मैदान में हैं।

कीर्ति आजाद

हाल में ही कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ति आजाद को पार्टी ने धनबाद सीट से प्रत्याशी बनाया है। कीर्ति आजाद ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1993 में बीजेपी विधायक के रूप में दिल्ली की गोल मार्केट विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर की। 1999 में वे लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए। 2009 में वे लोकसभा चुनावों में दोबारा जीते। 31 अगस्‍त 2009 को उन्‍हें मानव संसाधन विकास समिति और 9 जून 2013 से उन्‍हें गृह समिति का सदस्‍य बनाया गया।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad