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बिहार, असम में बाढ़ का कहर जारी; अब तक 166 लोगों की मौत

बिहार और असम में बाढ़ का कहर जारी है। दोनों प्रदेशों में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 166 हो गई है जबकि...
बिहार, असम में बाढ़ का कहर जारी; अब तक 166 लोगों की मौत

बिहार और असम में बाढ़ का कहर जारी है। दोनों प्रदेशों में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 166 हो गई है जबकि प्रभावित लोगों की संख्या अब 1.11 करोड़ के पार पहुंच गई है। मिली जानकारी के मुताबिक असम में मरने वालों का आंकड़ा 64 पहुंच गया जबकि बिहार में यह आंकड़ा 102 रहा। शनिवार से दोनों राज्यों में पांच और लोगों के मरने की सूचना मिली। वहीं, बिहार में बाढ़ से 12 जिलों के 72.78 लाख लोग प्रभावित हैं जबकि असम के 33 जिलों में से 18 में रहने वाले 38.37 लाख लोग प्रभावित हैं।

मधुबनी, सीतामढ़ी और दरभंगा जिलों में हालात खराब

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बिहार के मधुबनी जिले से लोगों के मरने की सूचना मिली है और इसके साथ ही जिले में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 23 पहुंच गया है। वहीं सीतामढ़ी 27 लोगों की मौतों के साथ अब भी बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बना हुआ है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी और दरभंगा जिलों में राहत शिविरों का दौरा किया।

इससे पहले उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को जिले में राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लेने के लिए सीतामढ़ी का दौरा किया था। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बिहार के कुल 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

असम: 3,024 गांवों में 44,08,142 लोग बाढ़ की चपेट में

इधर, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार असम में मोरीगांव से दो लोगों और धेमाजी, ग्वालपाड़ा और कामरूप से एक-एक व्यक्ति के मरने की सूचना है। गौरतलब है कि असम के प्रभावित जिलों के 3,024 गांवों में 44,08,142 लोग बाढ़ की चपेट में हैं। प्राधिकरण के बुलेटिन में कहा गया है कि 2,669 गांव, 1.35 लाख हेक्टेयर फसल भूमि और गोलाघाट जिले में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा जलमग्न है। इसमें कहा गया है कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में भी 141 जानवरों की बाढ़ के कारण मौत हो चुकी है। बुलेटिन के अनुसार ब्रह्मपुत्र नदी जोरहाट जिले के नेमाटीघाट और धुबरी जिले में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। जिला प्रशासनों द्वारा बनाये गये 829 राहत शिविरों और राहत वितरण केन्द्रों में 1,15,389 से अधिक विस्थापित लोग हैं। कई बाढ़ प्रभावितों ने राज्य के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा से कहा था कि उन्हें राहत केंद्रों में न तो पर्याप्त राहत सामग्री दी जा रही है और न ही रहने की सुविधा है।

 

 

 

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