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मोईन कुरैशी से जुड़े मामले में सीबीआई ने अपने डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार को किया गिरफ्तार

एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मांस कारोबारी मोईन कुरैशी से जुड़े...
मोईन कुरैशी से जुड़े मामले में सीबीआई ने अपने डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार को किया गिरफ्तार

एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मांस कारोबारी मोईन कुरैशी से जुड़े मामले में अपने डिप्टी एसपी, एसआईटी देेवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है।

इससे पहले सीबीआई ने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ कुरैशी से जुड़े एक मामले में भ्रष्टाचार केस दर्ज किया।अस्थाना के खिलाफ आरोप है कि वह जिस आरोपी के विरुद्ध जांच कर रहे थे, उससे उन्होंने रिश्वत ली। दो महीने पहले अस्थाना ने कैबिनेट सचिव से सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ यही शिकायत की थी।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीबीआई ने सतीश साना की शिकायत के आधार पर विशेष निदेशक अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मांस कारोबारी मोईन कुरेशी की कथित संलिप्तता से जुड़े 2017 के एक मामले में जांच का सामना कर रहे साना ने आरोप लगाया कि अस्थाना ने उसे क्लीनचिट दिलाने में कथित रूप से मदद की।

सीबीआई ने बिचौलिया समझे जाने वाले मनोज प्रसाद को भी 16 अक्टूबर को दुबई से लौटने पर गिरफ्तार किया था। हालांकि जांच एजेंसी इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी साधे हुई है।

गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना उस विशेष जांच दल (एसआईटी) की अगुवाई कर रहे हैं जो अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले और उद्योगपति विजय माल्या द्वारा की गयी ऋण धोखाधड़ी जैसे अहम मामलों को देख रहा है। यह दल मोईन कुरैशी मामले की भी जांच कर रहा है।

अस्थाना ने सीबीआई निदेशक के खिलाफ लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अस्थाना ने 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को एक विस्तृत पत्र लिखकर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के 10 मामले गिनाए थे। इसी पत्र में यह भी आरोप लगाया गया था कि साना ने इस मामले में क्लीनिचट पाने के लिए सीबीआई प्रमुख को दो करोड़ रुपये दिये।

सूत्रों के अनुसार यह शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग के पास भेजी गयी जो इस मामले की जांच कर रहा है।

अस्थाना ने प्राथमिकी दर्ज होने के चार दिन बाद केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को फिर लिखा कि वह साना को गिरफ्तार और पूछताछ करना चाहते हैं और इस संबंध में 20 सितंबर,2018 को निदेशक को एक प्रस्ताव भेजा गया था।

अपने पत्र में उन्होंने 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को लिखी अपनी चिट्ठी का भी हवाला दिया जिसमें निदेशक के खिलाफ कथित अनियमितताओं का ब्योरा दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा कि निदेशक ने करीब चार दिनों तक फाइल कथित रूप से रखी और 24 सितंबर, 2018 को उसे अभियोजन निदेशक (डीओपी) के पास भेजने का निर्देश दिया। अभियोजन निदेशक ने रिकार्ड में मौजूद सभी सबूत मांगे।

अस्थाना ने खोला था साना के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर

अस्थाना की अगुआई वाली टीम ने ही साना के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर खोला जिसने देश से भागने की कोशिश की लेकिन सक्रिय कार्रवाई की वजह से वह नहीं भाग सका।

अस्थाना ने कहा है ‌कि यह फाइल डीओपी द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर के साथ तीन अक्टूबर को सीबीआई निदेशक के समक्ष फिर रखी गयी लेकिन अबतक यह नहीं लौटी है।

सूत्रों ने अस्थाना की बातों का हवाला देते हुए कहा कि साना से एक अक्टूबर, 2018 को पूछताछ की गयी थी, पूछताछ के दौरान साना ने बताया थ्‍ाा कि वह एक नेता से मिला जिसके वर्मा से मुलाकात करने के बाद उसे आश्वासन ‌मिला कि इस मामले में उसे क्लीनचिट दे दी जाएगी।

इन अधिकारियों पर भी हुआ मामला दर्ज

अस्थाना के अलावा एजेंसी ने पुलिस उपाधीक्षक देवेन्द्र कुमार और मनोज प्रसाद, कथित बिचौलिये सोमेश प्रसाद और अन्य अज्ञात अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया है।

उन पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7, 13(2) और 13 (1) (डी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा उन पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7-ए भी लगाई गई है।

जांच में दखल न दे सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि केन्द्र को पूरी बात का खुलासा करना चाहिए और उसे सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ कथित रिश्वत मामले की जांच में दखल नहीं देना चाहिए।

कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह थोड़ी सावधानी बरत रहे हैं लेकिन बेहद स्पष्ट हैं। क्योंकि उन्होंने खबरों में ही इस मामले को देखा है इसलिए वह इस वक्त इस मामले की सच्चाई पर कुछ नहीं कह सकते।


 

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