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पटाखों और आग से बचकर भागते हाथी और उसके बच्चे की इस तस्वीर ने जीता अवॉर्ड

पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ सैंक्चुअरी नेचर फाउंडेशन ने हर साल की तरह इस साल भी...
पटाखों और आग से बचकर भागते हाथी और उसके बच्चे की इस तस्वीर ने जीता अवॉर्ड

पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ सैंक्चुअरी नेचर फाउंडेशन ने हर साल की तरह इस साल भी वाइल्‍डलाइफ फोटोग्राफी का अवॉर्ड दिया है। शायद आपने भी यह फोटो अपने फेसबुक-ट्विटर की टाइमलाइन पर देखी हो, जिसमें पटाखों और आग के गोलों से बचकर भागता हाथी और उसका बच्चा दिखाई दे रहा है।

पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले की इस शानदार तस्वीर ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रखा है। इस तस्वीर को खींचने वाले फोटोग्राफर विप्लव हाजरा हैं, जिसे इस साल का सैंक्चुअरी वाइल्डलाइफ फटॉग्रफी अवॉर्ड मिला है।

दरअसल, फोटोग्राफर विप्लव हाजरा द्वारा ख्‍ाींची गई यह तस्वीर भारत में इंसानों और हाथियों के बीच के संघर्ष को सामने लाती है। फोटो में मादा हाथ्‍ाी और उसका बच्चा लोगों की भीड़ द्वारा फेंके गए बम और पटाखों से बचते नजर आ रहे हैं। फोटो में हथिनी बदहवास भाग रही है और पीछे लगभग आग में लिपटा उसका बच्चा भाग रहा है। फोटो में पीछे लोगों की भीड़ भी दिखाई दे रही है।

सैंक्चुअरी नेचर फाउंडेशन ने एक प्रेस रिलीज जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में हाथियों पर यह अत्याचार आम है। इसके अलावा असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में के कई हिस्सों में भी हाथियों को ऐसे ही प्रताड़ित किया जाता है।  

पर्यावरण मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में बताया था कि अप्रैल 2014 से मई 2017 के बीच करीब 84 हाथियों को मार दिया गया। हाथी अक्सर अपने दातों की वजह से शिकारियों के निशाने पर रहते हैं।

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