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पुतिन से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने तल्ख रिश्तों में जताई सुधार की उम्मीद

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को हेलसिंकी के प्रेजिडेंशियल पैलेस में रूस के...
पुतिन से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने तल्ख रिश्तों में जताई सुधार की उम्मीद

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को हेलसिंकी के प्रेजिडेंशियल पैलेस में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस दौरान ट्रंप ने दोनों देशों के बीच तल्ख रिश्तों में सुधार की उम्मीद जताते हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन को फीफा विश्व कप के सफल आयोजन पर बधाई दी।

‘हमारे पास बात करने के लिए कई अच्छी चीजें हैं' 

रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा, ‘हमारे पास बात करने के लिए कई अच्छी चीजें हैं। हम व्यापार से सैन्य तक, मिसाइलों से परमाणु से चीन तक हर मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, हम चीन और अपने पारस्परिक मित्र, राष्ट्रपति शी के बारे में भी कुछ बात करेंगे’।

ट्रंप ने तल्ख रिश्तों में जताई सुधार की उम्मीद

ट्रंप ने कहा, मुझे लगता है कि हमारे पास एकसाथ बेहतरीन मौके हैं। पिछले कुछ सालों में हमारे रिश्ते कुछ ठीक नहीं रहे। मुझे लगता है कि हमारे रिश्ते अब असाधारण होने वाले हैं’।

इन मुद्दों पर हो सकती है बातचीत

उम्मीद है कि इस मुलाकात के दौरान दोनों राष्ट्रपति के बीच ईरान, सीरिया, अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप और यूक्रेन मुद्दे पर बातचीत हो सकती है। दोनों नेताओं की यह पहली औपचारिक वार्ता है। दोनों नेताओं के बीच कुछ समानताएं हैं। जैसे दोनों अपने देश को एक बार फिर से महान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों के ही काम करने का तरीका लगभग तानाशाह जैसा है। इसके अलावा युवावस्था में दोनों हिंसक प्रवृत्तियों में शामिल रहे हैं। ट्रंप ने पिछले महीने सिंगापुर में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से ऐतिहासिक मुलाकात की थी।

ट्रंप के सामने अमेरिकी चुनाव के दौरान हुए रूस के हस्तक्षेप मामले को पुतिन के सामने उठाने का दबाव है। 2014 में क्राइमिया पर रूस के कब्जे के बाद से अमेरिकी और अन्य देशों ने मॉस्को पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए थे। ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि वह क्राइमिया को रूसी क्षेत्र के तौर पर मान्यता दे सकते हैं। एक तरफ जहां रूस लगातार सीरिया के राष्ट्रपति का समर्थन कर रहा है। वहीं ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद वहां हवाई हमलों का आदेश दे दिया था। माना जा रहा है कि सीरिया के मुद्दे पर दोनों देशों में आम सहमित बन सकती है।

फिनलैंड नाटो का हिस्सा नहीं है। साल 1995 में फिनलैंड यूरोपिय संघ में शामिल तो हुआ था लेकिन सैन्य गठबंधन का हिस्सा नहीं बना। इसी वजह से दोनों देशों के लिए हेलसिंकी एक निष्पक्ष स्थल है। विमान के जरिए मॉस्को से इसकी दूरी केवल 2 घंटे की है। ऐसे में फीफा के फाइनल के बाद पुतिन के लिए यहां पहुंचना आसान था।

 

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