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टोक्यो ओलंपिकः भारत की झोली में आया छठा पदक, बजरंग पूनिया ने जीता ब्रॉन्ज मेडल

टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों के 15वें दिन भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने पुरुषों के 65...
टोक्यो ओलंपिकः  भारत की झोली में आया छठा पदक, बजरंग पूनिया ने जीता ब्रॉन्ज मेडल

टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों के 15वें दिन भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने पुरुषों के 65 किग्रा वर्ग के फ्रीस्टाइल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने कजाखस्तान के दौलेत नियाजबेकोव के खिलाफ जीत हासिल की। इस तरह भारत को टोक्यो ओलंपिक में अब तक कुल छह मेडल मिल चुके हैं।

दूसरे गेम में डेढ मिनट का खेल खत्म होने के बाद बजरंग ने जबरदस्त आक्रमण किया। दो टेक डाउन के बाद तीन अंक मिले। आखिरी 30 सेकेंड में फिर दो अंक पूनिया को मिले। गट रेंज असफल हुआ, लेकिन आखिरकार बजरंग की जीत मिली और 8-0 से एकतरफा अंदाज में मैदान मारा।

शुरुआती एक मिनट में दोनों पहलवान बराबरी पर नजर आए, लेकिन दो मिनट बाद पहला अंक बजरंग ने लिया। इस बीच लगातार पूनिया बढ़त बनाते रहे। पहले सेट के बाद भारत 2-0 से आगे रहे।

बजरंग पुनिया का जन्म 26 फरवरी 1994 को झज्जर जिले के खुड्डन गांव में हुआ था। बजरंग को कुश्ती विरासत में मिली, क्योंकि इनके पिता भी पहलवान रह चुके हैं। बजरंग ने महज सात साल की उम्र में कुश्ती शुरू कर दी थी। जिसमें उन्हें अपने पिता का पूरा सहयोग मिला. बजरंग के सपने को साकार करने के लिए उनके पिता बस का किराया बचाकर साइकिल से अपने काम पर जाते थे। साल 2015 में बजरंग का परिवार सोनीपत में शिफ्ट हो गया, ताकि वह भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के सेंटर में ट्रेनिंग कर सके।

बजरंग पुनिया की मेहनत उस समय रंग लाई ,जब उन्होंने 2013 में दिल्ली में हुए एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता। फिर बजरंग ने बुडापेस्ट में हुई विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के 60 किलो भारवर्ग वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया। फिर बजरंग ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2014 के राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल जीता। उसी साल बजरंग एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में भी रजत पदक जीतने में कामयाब रहे थे।

इसके अलावा पदक जीतने के प्रबल दावेदार नीरज चोपड़ा भी अपने भालाफेंक के फाइनल इवेंट में उतरेंगे। शनिवार को भारत का गोल्फ में पहला मेडल जीतने का सपना टूट गया। महिला गोल्फर अदिति अशोक चौथे और अंतिम राउंड में चौथे स्थान पर रहीं और वह मामूली अंतर से मेडल जीतने से चूक गईं।

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