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जिनके समय में फला-फूला शेल्टर होम, वही बना रहे हैं अब इसे लेकर राजनीतिक मुद्दा: रीता बहुगुणा

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के शेल्टर होम केस में योगी सरकार ने एक्शन ते हुए डीएम सुजीत कुमार को हटा...
जिनके समय में फला-फूला शेल्टर होम, वही बना रहे हैं अब इसे लेकर राजनीतिक मुद्दा: रीता बहुगुणा

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के शेल्टर होम केस में योगी सरकार ने एक्शन ते हुए डीएम सुजीत कुमार को हटा दिया था जबकि जांच के लिए दो सदस्यीय टीम को देवरिया जाने का निर्देश भी सीएम योगी ने दिया था। वहीं, इस मामले पर महिला और बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि जो भी इस मामले में दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि वही लोग इस मामले पर सवाल उठा रहे हैं जिनके सत्ता में रहते ऐसे शेल्टर होम फले-फूले। उन्होंने कहा कि इसको राजनीतिक मामला बनाने की कोशिश की जा रही है।

रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि 2010 में मां विंध्यावासिनी महिला व बालिका संरक्षण गृह को मान्यता मिली थी और 2010 से 2014 के बीच ऐसी कई मान्यताएं दी गईं थी। रीता बहुगुणा ने कहा कि सीएम इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं।

यूपी सरकार की मंत्री ने कहा कि इस केस में सभी के अलग-अलग बयान दर्ज किए गए हैं और अधिकारियों की भूमिका की जांच भी की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने इस शेल्टर होम की मान्यता रद्द की थी जबकि पिछली सरकारों ने इन्हें मान्यता दे रखी थी।

बिहार के मुजफ्फरपुर जैसा मामला यूपी के देवरिया में भी   

बिहार के मुजफ्फरपुर की तरह ही देवरिया के एक बालिका गृह में वहां लड़कियों के साथ कथित यौन शोषण का मामला सामने आया है। एक बच्ची की शिकायत पर एसपी ने बालिका गृह से कई लड़कियों को रेस्क्यू कराया है। फिलहाल संस्था को सील कर दिया गया है। रविवार देर रात इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि एक आरोपी फरार है। पुलिस का दावा है कि संस्था से अभी 18 लोग गायब हैं, जिनमें बालिका गृह की महिलाएं, लड़कियां और बच्चे शामिल हैं। इस मामले के सामने आने के बाद सीएम योगी ने यहां के डीएम सुजीत कुमार को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं वहीं जिले के पूर्व डीपीओ की लापरवाही देखते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। पूर्व प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी नीरज कुमार और अनूप सिंह के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

 

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