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सरकार ने ई-सिगरेट पर लगाई रोक, नियम तोड़ने पर जेल के साथ जुर्माना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई बैठक ने कैबिनेट ने ई-सिगरेट पर पाबंदी का फैसला लिया...
सरकार ने ई-सिगरेट पर लगाई रोक, नियम तोड़ने पर जेल के साथ जुर्माना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई बैठक ने कैबिनेट ने ई-सिगरेट पर पाबंदी का फैसला लिया है।इसके साथ ही कैबिनेट ने फैसले पर अमल के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने इलेक्ट्रिक सिगरेट के इम्पोर्ट, प्रोडक्शन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ई-सिगरेट के प्रोमोशन पर भी रोक लगाई गई है। ई-हुक्का पर भी यह लागू होगा। हाल ही में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स द्वारा प्रोहिबिशन ऑफ ई सिगरेट ऑर्डिनेंस 2019 को जांचा गया था। ग्रुफ ऑफ मिनिस्टर्स ने इसमें मामूली बदलाव का सुझाव दिया था।

क्या है ई-सिगरेट के नुकसान?

ई सिगरेट का सेवन करने से व्यक्ति को डिप्रेशन होने की संभावना दोगुनी हो जाती है। एक शोध के मुताबिक जो लोग ई सिगरेट का सेवन करते हैं, उन्हे हार्ट अटैक से होने वाला खतरा 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। वहीं लंबे समय तक इसका सेवन करने से ब्लड क्लोट की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।

नियमों के उल्लंघन पर सजा का प्रावधान

इस अध्यादेश में हेल्थ मिनिस्ट्री ने पहली बार नियमों के उल्लंघन पर एक साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना का प्रस्ताव दिया है। वहीं, एक से अधिक बार नियम तोड़ने पर मिनिस्ट्री ने 5 लाख रुपये जुर्माना और 3 साल तक जेल की सिफारिश की है।

प्रतिबंध लगाना मोदी सरकार की प्राथमिकता

ई-सिगरेट, हीट-नॉट-बर्न स्मोकिंग डिवाइसेस, वेप एंड ई-निकोटीन फ्लेवर्ड हुक्का जैसे वैकल्पिक धूम्रपान उपकरणों पर प्रतिबंध लगाना अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार के पहले 100 दिनों के एजेंडे की प्राथमिकताओं में था।

क्या होती है ई-सिगरेट?

ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इन्हेलर होता है, जिसमें निकोटीन और अन्य रसायनयुक्त तरल भरा जाता है। ये इन्हेलर बैट्री की ऊर्जा से इस लिक्विड को भाप में बदल देता है, जिससे पीने वाले को सिगरेट पीने जैसा एहसास होता है। ईएनडीएस ऐसे उपकरणों को कहा जाता है, जिनका प्रयोग किसी घोल को गर्म कर एरोसोल बनाने के लिए किया जाता है, जिसमें विभिन्न स्वाद भी होते हैं लेकिन ई-सिगरेट में जिस लिक्विड का इस्तेमाल किया जाता है, वह कई बार निकोटिन होता है और कई बार उससे भी ज्यादा खतरनाक रसायन होते हैं। इसके अलावा कुछ ब्रांड्स ई-सिगरेट में फॉर्मलडिहाइड का इस्तेमाल करते हैं, जो बेहद खतरनाक और कैंसरकारी तत्व हैं।

न्यूयॉर्क में बैन हुई फ्लेवर्ड ई-सिगरेट

न्यूयॉर्क के डोमेस्टिक गवर्नर ने टीनेजर्स और यूथ के बीच इस सिगरेट से बढ़ रही फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। इसके बाद यहां ई-सिगरेट को पूरी तरह बैन कर दिया गया है। यूनाइटेड स्टेड में मिशिगन के बाद न्यूयॉर्क सिटी दूसरा ऐसा स्टेट बन चुका है, जहां फ्लेवर्ड ई-सिगरेट पर बैन लगाया जा चुका है।

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