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शाहीन बाग के लिए SC ने नियुक्त किए वार्ताकार, प्रदर्शनकारियों को जगह बदलने के लिए करेंगे राजी

सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना...
शाहीन बाग के लिए SC ने नियुक्त किए वार्ताकार, प्रदर्शनकारियों को जगह बदलने के लिए करेंगे राजी

सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन के अलावा पूर्व ब्यूरोक्रेट वजाहत हबीबुल्लाह को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने और वैकल्पिक स्थल पर जाने के लिए राजी करने को लेकर वार्ताकार के रूप में नियुक्त किया है। मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी। वहीं, दूसरी तरफ शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि वे सरकारी अधिकारियों से बातचीत को तैयार हैं। प्रदर्शन कर रही एक महिला ने कहा कि अगर कोई सरकारी अधिकारी हमसे सीएए, एनपीआर और एनआरसी के बारे में बात करना चाहता है, तो उसका स्वागत है।

दरअसल, सोमवार को जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने हो रहे प्रदर्शन के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमें चिंता इस बात को लेकर है कि लोग सड़कों पर ही विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर देंगे फिर क्या होगा। कोर्ट ने कहा कि विरोध करने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है लेकिन सड़क को इस तरह से जाम नहीं किया जा सकता है। विकल्प के तौर पर प्रदर्शनकारी सड़क को अवरुद्ध किए बिना विरोध प्रदर्शन जारी रख सकते हैं। आगे कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र, विचार व्यक्त करने के काम आता है, लेकिन इसके लिए रेखाएं और सीमाएं हैं। 

लोगों के बीच गलत संदेश न जाए: केंद्र

वहीं, केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि यह संदेश जनता के बीच न जाने दे कि हर संस्था इस मुद्दे पर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को मनाने की कोशिश कर रही है। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि यदि कोई भी बात काम नहीं आता है, तो हम स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों पर छोड़ देंगे। सुनवाई के दौरान केंद्र ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत में सहयोग करने की बात कही, जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र के सुझाव पर सहमति जताई।

‘दूसरे पक्ष को सुने बिना कोई आदेश नहीं जारी कर सकते’

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदर्शन निर्धारित स्थान पर ही किया जाना चाहिए। इस मामले में दूसरे पक्ष को सुनना भी जरूरी है। इसलिए तुरंत कोई आदेश जारी नहीं करेंगे। कोर्ट ने इस मामले में भी केंद्र और दिल्ली सरकार के साथ दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था।

प्रदर्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं

दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 50 दिनों से सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। इसके चलते वहां मुख्य सड़क पर आवाजाही बंद है। इलाके का ट्रैफिक डाइवर्ट किए जाने से लोगों को हो रही परेशानी के खिलाफ वकील अमित साहनी और भाजपा नेता नंदकिशोर गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं, प्रदर्शन के दौरान 4 माह के बच्चे की मौत पर बहादुरी पुरस्कार प्राप्त छात्रा जेन गुणरत्न सदावर्ते ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी थी। कोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लिया था।

पिछले दो महीने से शाहीन बाग में चल रहा धरना

दिल्ली में सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग इलाके में 15 दिसंबर से महिलाओं और बच्चों समेत सैकड़ों लोग धरने पर बैठे हैं। 2 फरवरी को पहली बार शाहीन बाग के धरनों के विरोध में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किए। इनकी मांग थी कि धरने पर बैठे लोगों ने नोएडा और कालिंदी कुंज को जोड़ने वाली सड़क पर कब्जा कर रखा है। इसकी वजह से लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

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