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सेल को विशेष स्टील का उत्पादन बढ़ाना होगा: केंद्रीय इस्पात मंत्री

केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य के स्वामित्व वाले भारतीय इस्पात...
सेल को विशेष स्टील का उत्पादन बढ़ाना होगा: केंद्रीय इस्पात मंत्री

केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य के स्वामित्व वाले भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) को विशेष स्टील और मूल्य वर्धित उत्पादों का उत्पादन बढ़ाना चाहिए।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सिंह ने महारत्न फर्म के कार्यक्रम के मौके पर कहा कि सेल ने स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी, ढोलासादिया ब्रिज और हाल ही में शुरू हुए बोगीबील ब्रिज जैसे विभिन्न परियोजनाओं में योगदान दिया है। बदलते समय में विशेष इस्पात, मूल्य वर्धित उत्पादों और उच्च गुणवत्तायुक्त स्टील की मांग बढ़ रही है ऐसे में सेल को उत्पादन में तेजी लाने की जरूरत है।

सरकार ने मार्च 2018 के अंत में देश के कच्चे इस्पात उत्पादन को 2030 तक लगभग 138 मिलियन टन प्रति वर्ष से  300 मिलियन टन प्रति वर्ष तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है ।

मंत्री ने कहा कि उत्पादन क्षमता में वृद्धि करते हुए, पीएसयू को विशेष इस्पात और मूल्य वर्धित उत्पादों के उत्पादन पर भी ध्यान देना चाहिए। देश के समग्र आर्थिक स्वास्थ्य के लिए इस्पात क्षेत्र को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, इसका उपयोग ऑटोमोबाइल, प्रोसेस प्लांट, पूंजीगत सामान और रक्षा उपकरणों जैसे कई प्रमुख उद्योगों में किया जाता है।

सिंह ने आगे कहा कि रेलवे को रेल के उत्पादन में तेजी लाने की जरूरत है क्योंकि रेलवे ने इसके लिए वैश्विक निविदा मंगाई है। उन्होंने कहा कि भारत इस्पात उत्पादन के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है और अब इसका उद्देश्य गुणवत्ता वाले इस्पात में अग्रणी बनना है।

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