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खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई मई में बढ़कर 6.3% पर पहुंची, 6 महीने के उच्चतम स्तर पर

मई के महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है जो अप्रैल के महीने में 4.23 फीसदी थी। कच्चे...
खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई मई में बढ़कर 6.3% पर पहुंची, 6 महीने के उच्चतम स्तर पर

मई के महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है जो अप्रैल के महीने में 4.23 फीसदी थी। कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति की दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 12.94 प्रतिशत पर पहुंच गई।

सरकार के सोमवार को यहां जारी आंकड़ों में बताया गया कि खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ने और आवक सख्त होने से मई 2021 में खुदरा मूल्यों पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 6.30 प्रतिशत पर दर्ज की गयी है। अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति की दर 4.23 प्रतिशत रही थी। कोरोना महामारी के कारण देश को विभिन्न हिस्सों में पाबंदियां लगी है जिनका असर आवक और लदान पर पड़ा है।

आंकड़ों के अनुसार मई 2021 में मोटे अनाज की खुदरा कीमतों में 1.42 प्रतिशत की कमी आयी है। दूसरी ओर, मांस और मछली की कीमत 9.03 प्रतिशत, अंडा की 15.16 प्रतिशत, दूध उत्पाद की 0.64 प्रतिशत, तेल एवं वसा की 30.84 प्रतिशत और फल की 11.98 प्रतिशत में वृद्धि में दर्ज की गयी है।

इसी माह में सब्जी के दाम 1.92 प्रतिशत गिरे हैं।  मई 2021 में दलहन के दाम 9.39 प्रतिशत बढे हैं।  ईंधन के दाम में 11.58 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

लगातार पांचवां महीने थोकमूल्य सूककांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़ी है। अप्रैल 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति दो अंकों में 10.49 प्रतिशत हो गई थी। वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर मई 2021 (मई, 2020 के मुकाबले) में बढ़कर 12.94 प्रतिशत हो गई, जो मई 2020 में ऋणात्मक 3.37 प्रतिशत थी।’’

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