Advertisement

मोदी पर टाइम की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर गरमा-गरम बहस छिड़ी

अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका टाइम ने 20 मई  के अपने नए संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कवर पेज पर...
मोदी पर टाइम की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर गरमा-गरम बहस छिड़ी

अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका टाइम ने 20 मई  के अपने नए संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कवर पेज पर जगह दी है। लेकिन पत्रिका ने पीएम नरेंद्र मोदी को नकारात्मक पहलू में कवर पेज पर जगह दी है। मैगजीन ने उन्हें इंडियाज डिवाइडर इन चीफ की संज्ञा दी है। इसके बाद सोशल मीडिया पर दोतरफा तूफान आ गया है। ट्विटर पर ट्रेडिंग में शीर्ष पर चल रहे इस मुद्दे पर लोगों में विभाजन दिख रहा है। टाइम की इस संज्ञा का समर्थन और विरोध कर रहे लोगों के बीच सोशल मीडिया पर गरमा-गरम बहस छिड़ गई है।

आपको बता दें कि टाइम पत्रिका ने ही साल 2014-15 में नरेंद्र मोदी को दुनिया के 100 प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया था। इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर तो जैसे लोगों कि प्रतिक्रियाओं का सैलाब सा आ गया। कुछ लोगो को टाइम की यह टिप्पणी बिलकुल रास नही आई, तो वहीं तमाम लोग इसके सर्मथन में भी बोले। हालांकि अब तक किसी भी नेता या अभिनेता की कोई प्रतिक्रिया नही आई है, आईये नजर डालते हैं लोगो ने क्या-क्या कहा-

टाइम के विरोध में तर्क

- चौकीदार देव कुमार नाम के एक व्यक्ति ने अपने ट्वीट में लिखा कि हम अपने प्यारे पीएम नरेंद्र मोदी जी से प्यार करते हैं। कृपया मोदी जी के बारे में अपने कवर पेज की लाइन ठीक करें।

- संतोष ने अपने ट्वीट में लिखा कि जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लोग यह तय करते हैं कि वे 5 साल तक नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के साथ रह सकते हैं .... और लोकतंत्र की देखभाल भी कर सकते हैं। टाइम का इससे कोई लेना देना नहीं है।

- मैं भी चौकीदार मुकेश शर्मा ने कहा कि मोदी बहुत महान नेता है। उनके साथ अन्य किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की तुलना नहीं की जा सकती है। वह न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व शांति और अर्थव्यवस्था के लिए भी एक आशीर्वाद हैं। इसमें संशय नहीं है।

सर्मथन में:

- साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की फोटो लगाकर एक व्यक्ति ने लिखा कि आइए, उनकी पार्टी के अद्भुत निर्णय पर एक नज़र डालें। उन्होंने लोकसभा चुनाव में एक आरोपी आतंकवादी अभियुक्त महिला को टिकट दिया।

- भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक है। विविधता ही है जो भारत को बाकी देशों से अलग करता है। शायद मोदी इस एक साधारण बात को समझ ही नहीं पाए। मोदी 23 मई के बाद पीएम नहीं रह पाएंगे ---- एक आम भारतीय आदमी

-कपिल नाम से एक ट्वीट में लिखा गया कि ऐसा होना एक दुःस्वप्न होगा। भारतीय अर्थव्यवस्था पहले ही पतन की कगार पर है। मोदी ने सभी समुदायों, राज्यों और लोगों को विभाजित किया है। साथ ही मोदी ने तकरीबन सभी आंकड़े गलत पेश किये हैं। भारत को बचाने के लिए मोदी को जल्द से जल्द बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अधिकांश जो प्रतिक्रियाएं हैं, वो मोदी के सर्मथन में आई हैं। ज्यादातर लोगों ने पत्रिका के इस कथन को नकारा है, और अपने ट्वीट में नो लिखकर इसका विरोध जताया है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad