रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज बताया कि देश का चालू खाता घाटा चालू वित्त वर्ष की गत दिसंबर में समाप्त तीसरी तिमाही में 68.75 प्रतिशत बढ़कर 13.5 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का दो प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा आठ अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.4 प्रतिशत रहा था।
रिजर्व बैंक ने बताया कि चालू खाता घाटा में साल दर साल आधार पर यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से व्यापार घाटा बढ़ने के कारण हुई है जो तिमाही के दौरान 44.10 अरब डॉलर पर रही रहा। सॉफ्टवेयर निर्यात और पर्यटकों के आगमन से प्राप्त आमदनी बढ़ने से सेवाओं से प्राप्त आय तिमाही के दौरान 17.8 प्रतिशत बढ़ी।
उसने बताया कि शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तीसरी तिमाही में घटकर आधे से भी कम रह गया। यह 4.3 अरब डॉलर पर आ गया। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 9.7 अरब डॉलर रहा था। इस दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पूंजी बाजार में जहाँ 5.3 अरब डॉलर लगाए, वहीं उन्होंने 11.3 अरब डॉलर निकाले।
प्रवासी भारतीयों ने अक्टूबर-दिसंबर 2017 में विदेशों से 3.1 अरब डॉलर भेजे। एक साल पहले यह आंकड़ा 18.5 अरब डॉलर रहा था।