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'राहुल गांधी को लेकर युवाओं और सोशल मीडिया में क्रेज बढ़ा'

सचिन पायलट राहुल गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नई भूमिका का राजस्थान के लिए इसलिए भी विशेष...
'राहुल गांधी को लेकर युवाओं और सोशल मीडिया में क्रेज बढ़ा'

सचिन पायलट

राहुल गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नई भूमिका का राजस्थान के लिए इसलिए भी विशेष महत्व है कि 2013 में जयपुर में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में बेहद उत्साह है। इसमें कोई दो राय नहीं कि इससे पार्टी में नई शक्ति और जोश का संचार होगा।

ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं कि आज जनता से जुड़े बड़े सवाल उठाने की जो हिम्मत राहुल गांधी दिखा रहे हैं, वह देश को सांप्रदायिक ताकतों के खतरनाक मंसूबों से बचाने के लिए बेहद जरूरी है। उनके पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद इन सवालों को पुरजोर तरीके से उठाने में मदद मिलेगी। पिछले कई वर्षों में राहुल गांधी ने देश भर में घूमकर किसानों, मजदूरों, नौजवानों और समाज के पीड़ित-वंचित तबकों के मुद्दों को उठाया है। जबकि इस दौरान भाजपा का पूरा जोर ताजमहल, लव जेहाद, घर वापसी जैसे मुद्दे उठाकर लोगों को भटकाने पर रहा। राहुल गांधी की बातें अब लोगों को समझ आने लगी हैं। उनकी रैलियों और सभाओं में जुटने वाली जनता इस बात का सबूत है कि लोग उनकी नेतृत्व क्षमता और विचारों से प्रभावित हो रहे हैं।

पिछले एक दशक से उनके साथ काम करने के अपने अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि वह जितने सशक्त नेता हैं, व्यवहार में उतने ही लोकतांत्रिक और सरल हैं, औपचारिकताओं और प्रोटोकॉल में ज्यादा यकीन नहीं रखते। सबको अपनी बात रखने का मौका देते हैं। सबकी सुनते हैं। सबसे बड़ी बात-लोकतांत्रिक मूल्यों और साझी विरासत में यकीन रखते हैं। जब से उन्होंने राजनीति में कदम रखा है, देश भर का भ्रमण करने के अलावा जनता से जुड़ी समस्याओं का अध्ययन किया है।

राहुल गांधी से आप असहमति खुलकर जाहिर कर सकते हैं। वह असहमति को स्वीकार करते हैं। इस वक्त इनका अध्यक्ष बनना हमारे लिए खास मायने रखता है कि राजस्थान में चुनाव होने वाले हैं। उनकी इस बड़ी भूमिका का हमें वहां फायदा मिलेगा।

यूथ कांग्रेस और एनएसयूआइ का प्रभारी रहते हुए उन्होंने इनमें सुधार और पदाधिकारियों के चयन की नई प्रक्रिया जैसे कई प्रयोग किए थे। उम्मीद है कि उनके कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद विभिन्न पृष्‍ठभूमि के लोगों को पार्टी से जोड़ने की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जाएंगे। मेरे जैसे युवाओं को कांग्रेस में अहम जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। यूपीए सरकार में कई युवा सांसदों के पास महत्वपूर्ण दायित्व थे। युवाओं में इस भरोसे का श्रेय पार्टी नेतृत्व के साथ-साथ राहुल गांधी को भी जाता है। सबसे  बड़ी बात है कि राहुल गांधी हार-जीत की परवाह किए बिना अपने सिद्धांतों और मूल्यों पर अडिग रहने वाले व्यक्ति हैं। उनकी साफ-सुथरी छवि देश भर के युवाओं के लिए प्रेरक है।

भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार आज देश में जिस तरह भय का माहौल बना रही हैं, उसमें हमें राहुल गांधी जैसे साहसी नेतृत्व की दरकार है। अपनी इस भूमिका को वह बखूबी निभा रहे हैं। उन्होंने हमें भी जनता से जुड़े मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाने और राजस्थान में एक मजबूत विपक्ष बनने की प्रेरणा दी है। पिछले तीन साल से राहुल गांधी जो बातें कह रहे हैं, भाजपा और केंद्र सरकार को जिन मुद्दों पर घेरते आ रहे हैं, उसकी अहमियत लोगों को अब समझ आ रही है। आज जब किसान, मजदूर, नौजवान, कारोबारी सब परेशान हैं और सांप्रदायिक ताकतों द्वारा देश को नफरत की आग में झोंकने का काम किया जा रहा है तो उनकी कही बातें ठीक साबित हो रही हैं।

शायद इसी वजह से राहुल गांधी को लेकर युवाओं और सोशल मीडिया में क्रेज बढ़ता जा रहा है। अमेरिका में उनके भाषण और साफगोई की दुनिया भर में चर्चा हुई। महत्वपूर्ण मौकों पर वह आगे बढ़कर युवाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते रहे हैं। भूमि अधिग्रहण को लेकर उत्तर प्रदेश में भट्टा-पारसौल का आंदोलन हो या फिर मध्य प्रदेश के मंदसौर का किसान आंदोलन, वह जमीनी संघर्ष से पीछे नहीं हटे। मुझे पूरा भरोसा है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी का एक नया दौर शुरू होने जा रहा है जो मिसाल कायम करेगा।

गुजरात में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के चुनाव अभियान ने जोर पकड़ा है, वह हम सबका हौसला बढ़ाने वाला है। सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर पर उनकी बातें असर पैदा कर रही हैं। मुझे पूरा यकीन है कि राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता, लोकतांत्रिक व्यवहार, संविधान और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों में यकीन और जनता के प्रति ईमानदारी लोगों को आकर्षित करती जाएगी। बेशक, यह कांग्रेस के साथ-साथ भारतीय राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण क्षण है। उनके नेतृत्व में कांग्रेस संगठन मजबूत होगा और न सिर्फ चुनावी कामयाबी के रास्ते पर आगे बढ़ेगा बल्कि देश को सांप्रदायिक ताकतों के शिकंजे से बचाकर तरक्की और भाईचारे की राह पर आगे ले जाएगा।

(राजस्‍थान कांग्रेस अध्यक्ष की अजीत सिंह से हुई बातचीत पर आधारित)

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