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PWC ने रिलायंस कैपिटल, रिलायंस होम फाइनेंस के ऑडिट का काम छोड़ा, बहीखातों पर उठाए सवाल

प्राइस वाटरहाउस एंड कंपनी चार्टड अकाउंटेंट्स (पीडब्ल्यूसी) ने रिलायंस कैपिटल और रिलायंस होम फाइनेंस...
PWC ने रिलायंस कैपिटल, रिलायंस होम फाइनेंस के ऑडिट का काम छोड़ा, बहीखातों पर उठाए सवाल

प्राइस वाटरहाउस एंड कंपनी चार्टड अकाउंटेंट्स (पीडब्ल्यूसी) ने रिलायंस कैपिटल और रिलायंस होम फाइनेंस के सांविधिक ऑडिटर (लेखा परीक्षक) के काम से अपने आप को अलग कर लिया है। साथ ही पीडब्ल्यूसी ने कंपनी मामलों के मंत्रालय को रिलायंस कैपिटल और रिलायंस होम फाइनेंस के बहीखातों में कुछ कथित गड़बड़ियों की जानकारी भी दी है।

अंग्रेजी समाचार पत्र द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, इन दोनों कंपनियों और ग्रुप की दूसरी कंपनियों के बीच लेनदेन में कथित तौर पर फंड डायवर्जन का पता चला है। पीडब्ल्यूसी ने मंत्रालय से कहा है कि जून 2019 में खत्म पहली तिमाही में जब वह इन कंपनियों का ऑडिट कर रही थी, तब उसे इन गड़बड़ियों का पता चला। सूत्रों ने बताया कि इसी वजह से पीडब्ल्यूसी ने दोनों कंपनियों के ऑडिट का काम छोड़ दिया और उसने इसकी वजह कंपनी मामलों के मंत्रालय को बता दी है।

पीडब्ल्यूसी ने ऑडिटर के पद से दिया इस्तीफा

पीडब्ल्यूसी ने ऑडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की रिलायंस कैपिटल और रिलायंस होम फाइनेंस कंपनियों ने बुधवार को शेयर बाजार को इसकी जानकारी दी। कंपनियों ने कहा कि यह 11 जून 2019 से प्रभावी होगा।

पीडब्ल्यूसी की टिप्पणियों से सहमत नहीं

इन कंपनियों का कहना है कि वे पीडब्ल्यूसी की टिप्पणियों से सहमत नहीं है। हालांकि रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल ने पीडब्ल्यूसी के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। जबकि रिलायंस होम फाइनेंस ने कहा कि उसकी ऑडिट समिति और निदेशक मंडल बृहस्पतिवार को बैठक कर इस बारे में निर्णय करेंगे।

रिलायंस कैपिटल और रिलायंस होम फाइनेंस ने कहा कि पीडब्ल्युसी का दावा है कि कंपनियां कई बार याद दिलाए जाने के बाद कुछ सवालों पर ऑडिट समिति को तय सयम में संतुष्ट करने में विफल रहीं। इसलिए उसने इस्तीफा दिया है।

पीडब्ल्यूसी ने क्या कहा?

शेयर बाजारों को दी गयी सूचना के अनुसार पीडब्ल्युसी ने यह भी कहा है कि इन कंपनियों ने उससे कहा कि वे उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई भी कर सकती हैं। पीडब्ल्यूसी के अनुसार कंपनियों का यह रवैया उसे एक ऑडिटर के रूप में उसका काम करने से रोकता है।

 

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