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उमर अब्दुल्ला पर PSA: जज ने सुनवाई से खुद को किया अलग, अब शुक्रवार को होगी मामले पर सुनवाई

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम...
उमर अब्दुल्ला पर PSA: जज ने सुनवाई से खुद को किया अलग, अब शुक्रवार को होगी मामले पर सुनवाई

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब शुक्रवार को सुनवाई करेगा। आज मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस शांतनागौदर ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। अब दूसरी बेंच मामले की सुनवाई करेगी। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत उनकी हिरासत को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

अनुच्छेद-370 हटने के बाद 5 अगस्त से उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखा गया था। बीते दिनों ही उन्हें अपने आवास पर नजरबंद किया गया था। सारा पायलट ने उमर अब्दुल्ला को पांच फरवरी को पीएसए के अंतर्गत रखने के आदेश को असंवैधानिक बताया और कहा कि यह मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।

पिछले कई महीनों से हिरासत में हैं उमर

सारा पायलट ने अपनी याचिका में कहा कि जब उनके भाई रिहा होने वाले थे तो याचिकाकर्ता को अचानक से उनके पीएसए (जिसमें उनके पिता फारुक अब्दुल्ला भी हिरासत में हैं) के प्रावधानों के अंतर्गत फिर से हिरासत में रखे जाने का पता चलता है। उमर पिछले कई महीनों से हिरासत में हैं।

उमर-महबूबा पर लगा पीएसए

दरअसल, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की 6 महीने की 'एहतियातन हिरासत' पूरी होने से महज कुछ घंटे पहले गुरुवार को उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया। इससे पहले दिन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी पर भी पीएसए लगाया गया।

मोहम्मद सागर को पीएसए नोटिस

नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री मोहम्मद सागर को प्रशासन ने पीएसए नोटिस थमाया था। शहर के कारोबारी इलाके में सागर का मजबूत आधार माना जाता है। इसी प्रकार पीडीपी के नेता सरताज मदनी के खिलाफ भी पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है। मदनी महबूबा मुफ्ती के मामा हैं। सागर और मदनी दोनों को केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त के बाद राज्य के नेताओं पर की गई कार्रवाई के तहत नजरबंद किया गया था।

एहतियातन हिरासत अवधि गुरुवार को खत्म

पांच अगस्त को केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के साथ ही इसे दो केंद्र शासित हिस्सों में बांट दिया था। इन लोगों की छह महीने की एहतियातन हिरासत अवधि खत्म हो चुकी थी। इससे पूर्व अधिकारियों ने बताया था कि नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधायक बशीर अहमद वीरी के खिलाफ भी पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में पता चला कि उन्हें रिहा कर दिया गया था।

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