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जेटली बोले, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगा एफआरडीआइ बिल

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रस्तावित वित्‍तीय समाधान एवं जमा बीमा विधेयक, 2017 (एफआरडीआइ बिल)...
जेटली बोले, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगा एफआरडीआइ बिल

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रस्तावित वित्‍तीय समाधान एवं जमा बीमा विधेयक, 2017 (एफआरडीआइ बिल) यानी फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल का उद्देश्य वित्तीय संस्थाओं और जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में पेश यह बिल अभी संसद की समिति के पास विचाराधीन है। 

वित्त मंत्रालय ने भी आज बयान जारी कर कहा कि संयुक्‍त समिति एफआरडीआइ बिल के प्रावधानों पर सभी हितधारकों के साथ सलाह-मशविरा कर रही है। एफआरडीआइ बिल के ‘संकट से उबारने’ वाले प्रावधानों के संबंध में मीडिया में कुछ विशेष आशंकाएं जताई गई हैं। एफआरडीआइ बिल, जैसा कि संसद में पेश किया गया है, में निहित प्रावधानों से जमाकर्ताओं को वर्तमान में मिल रहे संरक्षण में कोई कमी नहीं की गई है, बल्कि इनसे जमाकर्ताओं को कहीं ज्‍यादा पारदर्शी ढंग से अतिरिक्‍त संरक्षण प्राप्‍त हो रहे हैं।

एफआरडीआइ बिल कई अन्‍य न्‍याय-अधिकारों अथवा क्षेत्राधिकारों के मुकाबले कहीं ज्‍यादा जमाकर्ता अनुकूल है, जिसमें संकट से उबारने के वैधानिक प्रावधान किए गए हैं, जिसके लिए लेनदारों/जमाकर्ताओं की सहमति की आवश्‍यकता नहीं पड़ती है।

एफआरडीआइ बिल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों समेत समस्‍त बैंकों को वित्‍तीय एवं समाधान सहायता देने संबंधी सरकार के अधिकारों को किसी भी रूप में सीमित करने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है। इस विधेयक के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सरकार की अंतर्निहित गारंटी किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हुई है।

भारतीय बैंकों के पास पर्याप्‍त पूंजी है और ये विवेकपूर्ण नियमों एवं पर्यवेक्षण के दायरे में भी आते हैं, ताकि उनकी पूरी सुरक्षा, मजबूत वित्‍तीय स्थिति एवं प्रणालीगत स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। वर्तमान कानून बैंकिंग प्रणाली की अखंडता, सुरक्षा एवं संरक्षा सुनिश्चित करते हैं। भारत में बैंकों को विफल होने से बचाने और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाते हैं और नीतिगत उपाय किये जाते हैं, जिनमें आवश्‍यक निर्देश जारी करना/त्‍वरित सुधारात्‍मक कदम उठाना, पूंजीगत पर्याप्‍तता एवं विवेकपूर्ण मानक लागू करना शामिल हैं। एफआरडीआई विधेयक एक व्‍यापक समाधान व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करके बैंकिंग प्रणाली को और मजबूत करेगा। किसी वित्‍तीय सेवा प्रदाता के विफल होने की दुर्लभ स्थिति में व्‍यापक समाधान व्‍यवस्‍था के तहत जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए एक त्‍वरित, क्रमबद्ध एवं सक्षम समाधान प्रणाली पर अमल किया जाएगा।

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