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मधुकर मेहेंदले और अमृत सोमेश्वर को मिलेगा साहित्य अकादेमी का भाषा सम्मान

साहित्य अकादेमी, दिल्ली ने अपने महत्वपूर्ण ‘भाषा सम्मान’ के लिए वेद-वेदांगों, महाभारत आदि पुरा महाकाव्यों के विद्वान प्रो. मधुकर अनंत मेहेंदले और डॉ. अमृत सोमेश्वर का चयन किया है। वर्ष 1996 में शुरू हुआ यह सम्मान तीन दशक पूरा कर चुका है।
मधुकर मेहेंदले और अमृत सोमेश्वर को मिलेगा साहित्य अकादेमी का भाषा सम्मान

बहुचर्चित ‘साहित्य अकादेमी सम्मान’ के बाद अकादेमी का दूसरा विशेष महत्व प्राप्त ‘भाषा सम्मान’ हर वर्ष छह भाषाओं में दिया जाता है। अकादेमी सचिव डॉ. के श्रीनिवासराव के मुताबिक, इनमें से दो सम्मान उन लेखकों/विद्वानों को दिए जाते हैं जिनका ‘कालजयी और मध्यकालीन साहित्य’ के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा है। इसके साथ ही चार ऐसे लेखकों को यह सम्मान प्रदान किया जाता है जिन्होंने (अपनी) उन भाषाओं के विकास में महत्वपूर्ण कार्य किया है, जिन्हें साहित्य अकादेमी की मान्यता नहीं है।

अकादेमी के हिंदी विभाग के सूत्रों ने आउटलुक को बताया कि अकादेमी ने भाषा सम्मान की स्‍थापना वर्ष 1996 में की गई थी और पहली श्रेणी में यह सम्मान भोजपुरी के उन्नयन को समर्पित विद्वान लेखक धरीक्षण मिश्र को दिया गया। इसके साथ ही कैथीराम शर्मा और एमआर ठाकुर को हिमाचली, चन्द्रकांत मुरा को काकबरोक और तुलु भाषा के लिए के. जेटप्पा राय और मन्दार को सम्मानित किया गया था। संयोग ही है कि इस बार भी तुलु भाषा के विद्वान को भाषा सम्मान के लिए चुना गया है।

सचिव की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वर्ष 2016 के भाषा सम्मान के लिए अभी ‘कालजयी और मध्यकालीन साहित्य’ की श्रेणी में प्रो. मधुकर अनंत मेहेंदले को चुना गया है। वेदों-महाकाव्यों, पालि और प्राकृत, ऐतिहासिक भाषिकी, महाभारत और अवेस्‍ता के इस विद्वान ने एक सौ से अधिक शोध आलेख के साथ ही अंग्रेजी, मराठी और संस्कृत में करीब एक दर्जन पुस्तकों की रचना की है। इन्हें अब तक विश्वविद्यालय स्तरीय महाराष्ट्र राज्य शिक्षक पुरस्कार, मुंबई विश्वविद्यालय पुरस्कार, संस्कृत में राष्ट्रपति सम्मान तथा गुरु गंगेश्वर वेद-वेदांग पुरस्कार आदि से नवाजा जा चुका है।

तुलु भाषा सम्मान के लिए चयनित डॉ. सोमेश्वर ने अपनी भाषा में गहन शोध प्रस्तुत करने के साथ ही ‘पदथनास’ और ‘भामाकुमार संधि’(दोनों कन्नड़ अनूदित), थमबिल और रंगित(दोनों कविता संग्रह) और सात नाटक लिखे हैं। उन्हें इससे पूर्व कर्नाटक तुलु साहित्य अकादेमी पुरस्कार, ताल्लुरु कनक अन्नय्या शेट्टी पुरस्कार, कन्नड़ साहित्य परिषद शतवार्षिकी पुरस्कार, राज्योत्सव पुरस्कार, डॉ. शिवराम कारंत पुरस्कार आदि से सम्मानित किया गया है। सभी चयनित लेखकों को ताम्रफलक के साथ एक लाख रुपये की नकद राशि दी जाएगी।            

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