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पब्लिक से पहले राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति ने देखी तिग्मांशू धूलिया की यह फिल्म

28 जुलाई को रिलीज होने जा रही इस फिल्म का प्रीमियर राष्ट्रपति भवन में रखा गया था
पब्लिक से पहले राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति ने देखी तिग्मांशू धूलिया की यह फिल्म

अपने कार्यकाल की समाप्ति की ओर बढ़ रहे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 22 जुलाई को एक फिल्म देखी। फिल्म का नाम है 'रागदेश'। फिल्म का खास प्रीमियर राष्ट्रपति भवन में रखा गया था। फिल्म का निर्माण 'राज्य सभा टीवी' ने किया है और तिग्मांशू धूलिया इस फिल्म के निर्देशक हैं।

यह फिल्म इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) के तीन अफसरों कर्नल प्रेम सेहगल, कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लो और मेजर जर्नल शाह नवाज खान पर ब्रिटिश हुकूमत की तरफ से चलाए गए कोर्ट मार्शल के इर्द-गिर्द घूमती है।

इस कोर्ट मार्शल को 'रेड फोर्ट ट्रायल्स' के नाम से जाना जाता है। हासिल, साहेब बीवी और गैंगस्टर, पान सिंह तोमर जैसी फिल्में बना चुके तिग्मांशू धूलिया ने इस फिल्म का निर्देशन किया है। फिल्म में कुणाल कपूर(शाह नवाज खान), अमित साध (गुरबख्श सिंह ढिल्लो) और मोहित मारवाह (प्रेम सहगल) मुख्य किरदारों में हैं।

कैसे आया फिल्म का आइडिया

तिग्मांशू धूलिया ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह एक जरूरी अध्याय है जिसे हर भारतीय को जानना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि हमें आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली है।

तिग्मांशू धूलिया कहते हैं कि फिल्म काफी गहरी रिसर्च के बाद बनाई गई है। ये फिल्म मुख्यधारा सिनेमा में नहीं बन सकती थी। फिल्म के निर्माता गुरदीप सिंह सप्पल उनके अच्छे दोस्त हैं। वही ये आइडिया लेकर उनके पास आए और तिग्मांशू इसे बनाने के लिए तैयार हो गए।

क्या हैं रेड फोर्ट ट्रायल्स?

महात्मा गांधी से मतभेदों के चलते आजादी के लिए अपना अलग रास्ता चुनने वाले सुभाष चंद्र बोस ने इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) का गठन किया था। इसके गठन के लिए उन्होंने जापान से मदद ली थी। दूसरे विश्व युद्ध में आईएनए ने जापान के साथ मिलकर मलाया, बर्मा, कोहिमा, इंफाल में ब्रिटिश सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। युद्ध में जर्मनी, जापान, इटली जैसी ध्रुवीय शक्तियों के खिलाफ फ्रांस, ब्रिटेन, पोलैंड जैसे देश लड़ रहे थे। बाद में संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस भी ध्रुवीय शक्तियों के खिलाफ युद्ध में कूद पड़े।

कोर्ट मार्शल की सांकेतिक मूर्तियां

नेता जी सुभाष चंद्र बोस का मानना था कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। इसलिए उन्होंने युद्ध में ब्रिटिश हुकूमत का साथ दिया, इस वादे के साथ कि जापान भी उनकी लड़ाई में साथ देगा। लेकिन 1945 में जब जापान हार गया, तब ब्रिटिश हुकूमत ने आईएनए के लोगों पर देशद्रोह, हत्या के मुकदमे चलाए।

शुरू के लगभग दस चर्चित मुकदमे लाल किले में चलाए गए। इसीलिए इन्हें 'रेड फोर्ट ट्रायल्स' कहा जाता है। इनमें कर्नल प्रेम सेहगल, कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लो और मेजर जर्नल शाह नवाज खान का संयुक्त कोर्ट मार्शल सबसे चर्चित रहा। तीनों पहले ब्रिटिश इंडियन आर्मी के अफसर थे। बाद में वे आईएनए में शामिल हो गए थे और ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी। जब इन तीनों अफसरों का कोर्ट मार्शल चल रहा था तब इन्हें देश भर से काफी समर्थन भी मिला था।

फिल्म में तीनों के कोर्ट मार्शल के साथ उनकी निजी जिंदगी के बारे में भी दिखाया गया है।

फिल्म का ट्रेलर-

   

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