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सेल्फी की जगह ‘बोथी’ लेकर आ रहा है नोकिया, क्या है ये ‘बोथी’?

नोकिया हमारे लिए नॉस्टैल्जिया का काम करता है। अब नोकिया ने अपना नया स्मार्टफोन नोकिया 8 लांच किया है, जिसका फर्स्ट लुक जारी किया जा चुका है। एप्पल और सैमसंग जैसे फोन से टक्कर लेने के लिए नोकिया ने इसमें एक नई चीज जोड़ी है।
सेल्फी की जगह ‘बोथी’ लेकर आ रहा है नोकिया, क्या है ये ‘बोथी’?

नोकिया। एक ऐसा नाम जो एक पूरी पीढ़ी के जहन में बसा हुआ है। चाहे उसकी नॉस्टैल्जिक नोकिया रिंगटोन हो या बेहतरीन कैमरा क्वालिटी या एक फोन जो किवदंती बन गया हो अपनी मजबूती के लिए। अाज भी कहीं पर नोकिया टोन सुनाई पड़ जाए, तो उस पर ध्यान चला ही जाता है। नोकिया 1100, नोकिया 3310 से लेकर एन सीरीज के फोन, नोकिया ने 90 के दशक से लेकर एक से बढ़कर एक प्रयोग किए, वो भी तब जब आज के स्मार्टफोन जैसी चीजें कोसों दूर थी लेकिन 2007 में एप्पल के आईफोन के आने के बाद नोकिया का मार्केट गिरा। फिर चीन मोबाइल मार्केट की दुनिया में तेजी से उभरा और सस्ते चाइनीज फोन मार्केट में छा गए। बाद में एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम वाले फोन का दौर आया और नोकिया कंपनी उससे कदमताल नहीं मिला पाई और बाजार में कहीं खो गई। माइक्रोसॉफ्ट ने उसका टेकओवर कर लिया।

फिलहाल, नोकिया के पुराने लोगों ने मिलकर एक नई कंपनी बनाई, एचएमडी ग्लोबल और 2017 की शुरुआत में नोकिया के ब्रांड नेम के साथ फिर से शुरुआत की और नॉस्टैल्जिया और एंड्रायड का सहारा लिया, जो इतने गलाकाट कंपटीशन में कंपनी को फिर से स्थापित करने में अहम भूमिका निभा सकते थे। नोकिया ने नोकिया 3310 को नए कलेवर में पेश किया। इसके बाद सीमित बजट फोन के मार्केट में जगह बनाने के लिए नोकिया ने फ्लैगशिप शुरू की। इस क्रम में नोकिया 3, नोकिया 5 और नोकिया 6 बाजार में उतारे गए। नोकिया 5 भारत में आ चुका है और नोकिया 6 की बिक्री 23 अगस्त से अमेजन पर शुरू होगी। इसका रजिस्ट्रेशन फिलहाल किया जा सकता है। इसकी कीमत 14,999 रखी गई है।

सीमित बजट के बाद बड़े बजट वाले फोन के मार्केट में उतरने के लिए नोकिया ने एक बड़ा धमाका किया है।

नोकिया ने अपना नया स्मार्टफोन नोकिया 8 लांच किया है, जिसका फर्स्ट लुक जारी किया जा चुका है। एप्पल और सैमसंग गैलेक्सी जैसे फोन से टक्कर लेने के लिए नोकिया ने इसमें एक नई चीज जोड़ी है, जो शायद अभी तक किसी फोन में नहीं नजर आई है। अपने कैमरे के लिए प्रसिद्ध नोकिया ने इस फोन में डुअल रियर कैमरे और फ्रंट कैमरे के साथ-साथ ये भी फीचर जोड़ा है कि आप दोनों कैमरों का एक साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। यानी सेल्फी लेते वक्त खुद के साथ-साथ सामने की तस्वीर भी ले सकते हैं और फोटो में दोनों साइड की तस्वीरें आएंगी। इसे ‘सेल्फी’ की तर्ज पर ‘बोथी’ कहा जा रहा है। फेसबुक या यूट्यूब पर इस फीचर से लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग भी की जा सकेगी।

ये फोन सितंबर तक ग्लोबल मार्केट में उपलब्ध होगा और अक्टूबर तक इसके भारत आने की संभावना है। इसकी कीमत 45,000 रूपए के आस-पास बताई जा रही है।

दूसरे फीचर्स-

5.3 इंच की 2K LCD स्क्रीन, गोरिल्ला ग्लास 5 स्क्रीन, डुअल सिम और सिंगल सिम का ऑप्शन, 3090 mAH की बैटरी, 13 MP+13 MP के डुअल रियर कैमरा और 13 MP का फ्रंट कैमरा जो 4K वीडियो रिकॉर्डिंग को सपोर्ट करेंगे, एंड्रायड 7.1.1 का ऑपरेटिंग सिस्टम, क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 835 का प्रॉसेसर, 4 जीबी रैम और 64 जीबी की इंटरनल मेमोरी, जिसे बढ़ाया जा सकता है।

नोकिया के इतिहास पर एक नजर –

1865 में फिनलैंड के एक कस्बे टैम्पेर में पल्प मिल के रूप में इसकी शुरूआत।

पहले यह कंपनी टॉयलेट पेपर, कार टायर वगैरह बनाती थी।

कम्युनिकेशन सेक्टर में यह कंपनी 1980 के दशक में आई। 1985 में इसने पहला फोन लांच किया, जिसे मोबिरा टॉकमैन कहा गया।

1998 में इसने मोटोरोला का टेकओवर किया और विश्व में सबसे ज्यादा बिकने वाला मोबाइल ब्रांड बन गया।

2000 में नोकिया 3310 लांच किया गया। इसके बाद 2003 में नोकिया 1100 लांच किया गया, जो विश्व का सबसे ज्यादा बिकने वाला फोन बन गया था।

नोकिया ने पहला कैमरा फोन 2003 में अमेरिका में लांच किया। नोकिया ने 1996 में स्मार्टफोन लांच किया था, जिसे नोकिया 9000 कम्युनिकेटर कहा गया। यह बॉक्स की तरह खुलता था और अंदर क्वर्टी पैड लगा हुआ था। यह सिंबियन ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता था।

2007 में एप्पल ने अपने टचस्क्रीन आईफोन से सबको चौंका दिया और इसका असर नोकिया पर पड़ा। 2011 में नोकिया ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर लूमिया जैसे विंडोज फोन बनाए लेकिन वे चले नहीं क्योंकि मार्केट में गूगल का एंड्रायड और एप्पल का आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम छाए हुए थे। माइक्रोसॉफ्ट ने नवंबर 2014 में मोबाइल फोन के लिए नोकिया ब्रांड का इस्तेमाल करना बंद कर दिया।

फिलहाल नोकिया ने एंड्रायड के साथ ना जाने की जो भूल पहले की थी, उससे सबक सीखते हुए अब उसके साथ वापस लौटा है। कई लोग इसे ‘द किंग इज बैक’ की तरह देख रहे हैं लेकिन नोकिया के लिए भारत के मार्केट में जगह बना पाना उतना भी आसान नहीं है। हां, अपनी विश्वसनीयता, टिकाऊपन और नॉस्टैल्जिया वाली पुरानी ब्रांड वैल्यू के साथ हो सकता है, नोकिया भारत में फिर से छा जाए।

 

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