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हृदयाघात से पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मृत्यु अधिक: अध्ययन

अभी हाल ही में हुए एक अधय्यन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाएं हृदयाघात से...
हृदयाघात से पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मृत्यु अधिक: अध्ययन

अभी हाल ही में हुए एक अधय्यन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाएं हृदयाघात से मरती हैं और महिलाओं में हृदयाघात के 50 प्रतिशत मामले दिल का दौरा पड़ने के कारण होते हैं, जिनका इलाज आधुनिक तरीकों से किया जा सकता है। अध्ययन के अनुसार, 50 प्रतिशत महिलाओं को हृदयाघात का अनुभव होता है और इसका कारण आम तौर पर समय के साथ अनुपचारित उच्च रक्तचाप का स्तर होता है।

जर्नल नेचर मेडिसिन में प्रकाशित हुआ शोध

जर्नल नेचर मेडिसिन में प्रकाशित इस तरह के हृदयाघात के लिए अभी तक कोई प्रभावी उपचार नहीं है। नॉर्वे में बर्गन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता ईवा गर्ड्स ने कहा पुरुषों और महिलाओं की अलग-अलग शारीरिक बनावट हैं और इसके परिणामस्वरूप विभिन्न प्रकार के हृदय रोग होते हैं। यह समय इन भेदों को पहचानने का है।

नॉर्वे में, पांच वयस्कों में से एक मोटा

अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने हृदय रोगों के लिए सामान्य जोखिम कारकों की तुलना की है और ये कैसे पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं। उन्होंने अन्य बातों के अलावा, मोटापे, उच्च रक्तचाप और मधुमेह के प्रभाव में लिंग अंतर पर ध्यान केंद्रित किया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 11 फीसदी महिलाएं और 15 फीसदी पुरुष मोटापे के शिकार हैं। नॉर्वे में, पांच वयस्कों में से एक मोटा है।

मोटापा है एक मुख्य कारण

गर्ड्स ने कहा यदि हम इसे जीवन काल के दृष्टिकोण से देखें, तो हम देख सकते हैं कि मोटापा उम्र के साथ बढ़ता है और यह प्रवृत्ति पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक है। मोटापा उच्च रक्तचाप के जोखिम को तीन गुना बढ़ाता है। जिससे हृदय रोग के जोखिम बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, मोटापा भी दूसरे स्तर के मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है। मधुमेह से पीड़ित महिला में हृदय की जटिलताओं और मृत्यु का जोखिम पुरुष की तुलना अधिक होता है। गर्ड्स ने बताया कि हम जानते हैं कि दूसरे स्तर के मधुमेह से पीड़ित महिलाएं आमतौर पर मोटापे से ग्रस्त होती हैं और हृदय में कुछ वसा जमा हो जाती हैं, जिससे यह बीमारी की चपेट में आ जाती है। शोधकर्ता बताते हैं कि दिल की बीमारी होने पर महिला और पुरुषों के बीच के कई अंतर सेक्स हार्मोन, एस्ट्रोजन से जुड़े होते हैं।

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