Advertisement

#MeToo: नंदिता दास के पिता जतिन दास पर यौन उत्पीड़न का आरोप

देश में लगातार #MeToo अभियान के तहत हर रोज महिलाएं अपने यौन उत्पीड़न के अनुभव साझा कर रही हैं। इस सिलसिले...
#MeToo: नंदिता दास के पिता जतिन दास पर यौन उत्पीड़न का आरोप

देश में लगातार #MeToo अभियान के तहत हर रोज महिलाएं अपने यौन उत्पीड़न के अनुभव साझा कर रही हैं। इस सिलसिले में अब एलराइनो पेपर कंपनी की सह-संस्थापक निशा बोरा का भी नाम जुड़ गया है। उन्होंने जाने-माने आर्टिस्ट और पद्म भूषण से सम्मानित जतिन दास पर उनका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। 70 वर्षीय जतिन दास फिल्म अभिनेत्री और निर्देशिका नंदिता दास के पिता हैं।

जतिन दास से 2004 की गर्मियों में मिली थी

निशा बोरा ने ट्विटर पर एक लंबी पोस्ट के स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं। इनमें उन्होंने कहा है कि 2004 में जतिन दास ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। पोस्ट में लिखा है, ‘मैं जतिन दास से 2004 की गर्मियों में मिली थी। मेरे ससुर ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में रात्रिभोज आयोजित किया था। वहां मुझे उनसे (जतिन दास) मिलाया गया। उसके बाद उन्होंने मुझसे बातचीत शुरू की और पूछा कि क्या मैं उनके काम से जुड़ी सामग्री को सुव्यवस्थित करने में उनकी मदद कर सकती हूं। मैंने इस पर खुशी-खुशी हां कर दी।’

मुझे अपने स्टूडियो में बुलाया, विस्की पी और मुझे भी ऑफर किया

बोरा ने आगे लिखा, ‘उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया। काम खत्म होने के बाद उन्होंने अपने एक प्रोजेक्ट से जुड़ी किताब मुझे भेंट की। अगले दिन उन्होंने मुझे अपने स्टूडियो में बुलाया। वहां उन्होंने विस्की पी और मुझे भी ऑफर की, लेकिन मैंने लेने से इनकार कर दिया। उसके बाद उन्होंने मुझे पकड़ने की कोशिश की। मैं घबराकर उनसे दूर हो गई. (लेकिन) उन्होंने फिर ऐसा करने की कोशिश की। इस बार उन्होंने भद्दे तरीके से मेरे होंठों को चूमा। मैं आज भी उनकी दाढ़ी की चुभन महसूस करती हूं। मैं उन्हें धक्का देकर दूर हो गई। मुझे याद है उस समय उन्होंने मुझसे ‘आओ भी, अच्छा लगेगा।’ जैसा कुछ कहा था।’

जतिन दास की बेटी नंदिता दास का भी किया जिक्र

निशा ने बताया कि इसके बाद वे वहां से चली गईं और इस बारे में कभी किसी से बात नहीं की। अपनी पोस्ट में उन्होंने जतिन दास की बेटी नंदिता दास का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि हादसे के बाद नंदिता उनसे मिली थीं। तब नंदिता ने उनसे कहा था कि उनके पिता ने उन्हें उनका (निशा का) नंबर दिया है ताकि वे उनके जैसी किसी युवा महिला सहायक को ढूंढने में उनकी मदद करें। इसके बाद निशा ने लिखा है, ‘उस आदमी की बेशर्मी आज भी मेरी सांस रोक देती है।’

इस अभियान के चलते यह घटना कुछ दिनों से बार-बार याद आ रही थी

निशा ने बताया कि ‘मीटू अभियान’ के चलते यह घटना कुछ दिनों से उन्हें बार-बार याद आ रही है। उन्होंने यह भी बताया है कि क्यों उन्होंने उस समय इस घटना के बारे में नहीं बताया। उन्होंने लिखा है, ‘मेरी शादी को तब करीब एक साल ही हुआ था। मुझे यकीन था कि इस बारे में बात करने से उन (परिवार) पर भी असर पड़ेगा। मैं उनकी सामाजिक जिंदगी में समस्या पैदा नहीं करना चाहती थी। मुझे लगता था कि उस मुसीबत के लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं और मुझे ही उससे निपटना है। मैं खुद को दोषी और शर्मिंदा महसूस करती थी।’

2013 में जतिन दास ने एक और महिला का उत्पीड़न किया था

निशा के मुताबिक, कला व साहित्य क्षेत्र के कई लोगों ने उन्हें बताया है कि जतिन दास कई बार महिलाओं का यौन शोषण करने की कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने इसी 15 अक्टूबर को इंस्ट्राग्राम पर शेयर किए गए एक अज्ञात पोस्ट के हवाले से कहा कि 2013 में जतिन दास ने एक और महिला का उत्पीड़न किया था। ऐसा उन्होंने 2012 में पद्म भूषण से सम्मानित होने के बाद किया।

निशा का कहना है कि उन्होंने ‘मीटू अभियान’ से प्रेरित होकर अब अपने अनुभव को साझा किया है। साथ ही, उन्होंने उन तमाम महिलाओं का धन्यवाद किया है जो इस अभियान के तहत अपने अनुभव बता रही हैं।

यहां पढ़े निशा बोरा का फेसबुक पोस्ट

 


गौरतलब है कि प‍िछले द‍िनों नाना पाटेकर, साज‍िद खान जैसे बड़े नाम सामने आने के बाद कई मह‍िला फिल्मकारों (नंदिता दास, मेघना गुलजार, अलंकृता श्रीवास्तव, कोंकणा सेन शर्मा, गौर शिंदे, नित्या मेहरा, रीमा कागती, जोया अख्तर, रुचि नरेन, सोनाली बोस और किरण राव) ने तय किया है कि वे यौन शोषण के दोषी किसी भी कलाकार के साथ कभी काम नहीं करेंगी।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement