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सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 8 रुपए और बढ़ा सकेगी, वित्त विधेयक के साथ पारित हुआ यह प्रस्ताव

सरकार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 8-8 रुपए प्रति लीटर और बढ़ाने का अधिकार मिल गया है। वित्त...
सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 8 रुपए और बढ़ा सकेगी, वित्त विधेयक के साथ पारित हुआ यह प्रस्ताव

सरकार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 8-8 रुपए प्रति लीटर और बढ़ाने का अधिकार मिल गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को इससे संबंधित एक संशोधन का प्रस्ताव वित्त विधेयक 2020 के साथ लोकसभा में रखा। वित्त विधेयक बिना किसी चर्चा के सदन में पारित हो गया। सरकार की तरफ से इसमें 40 से ज्यादा संशोधन प्रस्ताव रखे गए। विपक्ष की तरफ से भी कुछ संशोधन प्रस्ताव रखे गए थे, लेकिन उन्हें खारिज कर दिया गया।

अभी पेट्रोल पर ₹10 और डीजल पर ₹4 स्पेशल एक्साइज ड्यूटी

पेट्रोल पर अभी ₹10 और डीजल पर ₹4 स्पेशल एक्साइज ड्यूटी लगती है। यह इन दोनों प्रोडक्ट पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी की अधिकतम सीमा है। यानी सरकार इससे और अधिक नहीं बढ़ा सकती थी। अब सरकार को इन पर एक्साइज ड्यूटी ₹8 प्रति लीटर और बढ़ाने का अधिकार मिल गया है। इस तरह पेट्रोल पर अधिकतम एक्साइज ड्यूटी ₹18 और डीजल पर ₹12 हो सकती है। हालांकि अभी एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई नहीं गई है, बल्कि सरकार ने भविष्य में इसे बढ़ाने का अधिकार हासिल किया है।

सरकार ने 14 मार्च को ₹3 बढ़ाई थी एक्साइज ड्यूटी

कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते दुनिया भर में पेट्रोलियम पदार्थों की मांग घट गई है इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड के दाम 30 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे आ गए हैं। आम लोगों और इंडस्ट्री को इसका पूरा लाभ देने के बजाय केंद्र सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी ₹3 प्रति लीटर बढ़ा दी थी। इससे सरकार को एक साल में 39000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी। तीन रुपए की इस बढ़ोतरी में ₹2 स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और ₹1 इंफ्रास्ट्रक्चर सेस के थे।

 30.42 लाख करोड़ रुपए का है बजट, चालू वित्त वर्ष से 12.7 फ़ीसदी ज्यादा

वित्त विधेयक 2020 के पारित होने से 2020-21 के बजट में जो वित्तीय प्रस्ताव पेश किए गए थे वह सब लागू हो जाएंगे। बजट में 30,42,230 करोड़ रुपए खर्च का प्रस्ताव था जो 2019-20 की तुलना में 12.7 फ़ीसदी ज्यादा है। बजट में कुल 22,45,893 करोड रुपए की प्राप्तियों का अनुमान है। यह 2019-20 के मुकाबले 16.3 फ़ीसदी अधिक है। सरकार ने नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ रेट के लिए 10 फ़ीसदी का अनुमान रखा है जो मौजूदा वित्त वर्ष में 12 फ़ीसदी है।

विपक्ष ने कोरोना प्रभावित सेक्टर के लिए की थी विशेष पैकेज की मांग

सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए विशेष पैकेज की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार बिल पास करवा ले इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन कोरोना वायरस को देखते हुए प्रभावित सेक्टर के लिए एक वित्तीय पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मैंने सभी दलों के नेताओं के साथ बात की थी, उन्होंने आश्वासन दिया था कि इस महामारी को देखते हुए बिल बिना किसी चर्चा के पास कर दिया जाएगा। इस पर अधीर रंजन ने कहा कि हम बिल को बिना चर्चा के पास करने के लिए तैयार हैं लेकिन हमें अपनी मांगें रखने का भी हक है।

डीएमके ने प्रधानमंत्री से पैकेज की घोषणा करने का आग्रह किया

डीएमके नेता टीआर बालू ने भी सरकार से वित्तीय पैकेज लाने का आग्रह किया उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री जी से आग्रह करता हूं कि वह गरीबों और समाज के दूसरे वर्गों के लिए उचित वित्तीय पैकेज की घोषणा करें। कोरोना वायरस के कारण यह बेहद कठिन समय है।

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