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कर्नाटक संकट:स्पीकर ने कहा- 13 में से 8 विधायकों के इस्तीफे नियमों के अनुसार सही नहीं

कर्नाटक में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने सभी 13 कांग्रेस और जेडी-एस...
कर्नाटक संकट:स्पीकर ने कहा- 13 में से 8 विधायकों के इस्तीफे नियमों के अनुसार सही नहीं

कर्नाटक में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने सभी 13 कांग्रेस और जेडी-एस के बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। क्योंकि आठ निर्धारित प्रारूप में नहीं थे और पांच को स्पष्टीकरण की जरूरत थी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे दलबदल विरोधी कानून के अनुसार हैं।

केआर रमेश कुमार ने कहा कि 13 में से 8 विधायकों के इस्तीफे कानूनन तौर पर सही नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस बारे में राज्यपाल वजुभाई पटेल को भी जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा, ''किसी भी बागी विधायक ने मुझसे मुलाकात नहीं की। मैंने राज्यपाल को भरोसा दिलाया है कि मैं संविधान के तहत काम करूंगा। मैंने विधायकों को मिलने का वक्त दे दिया है।'

केआर रमेश कुमार का कहना है कि राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति से उनका कोई संबंध नहीं है। कुमार ने कहा है, 'मैं संविधान के अनुसार काम कर रहा हूं।' जिन पांच विधायकों के इस्तीफे ठीक है, उनमें से मैंने 3 विधायकों को 12 जुलाई और 2 विधायकों को 15 जुलाई को मिलने का वक्त दिया है।'' 

कुमार ने कहा, "मैंने 12 जुलाई, 15 जुलाई और 21 जुलाई को दोनों दलों के सभी विधायकों को मुझसे मिलने के लिए बुलाया है, क्योंकि उनके इस्तीफे दोषपूर्ण हैं और स्पष्टीकरण कानून विरोधी धारा 202 के तहत कानून के अनुसार नहीं हैं।"

कुमार ने कहा, "दोनों दलों के विधायकों के बाकी आठ इस्तीफे सही प्रारूप में नहीं हैं। मैंने उन्हें 21 जुलाई तक का समय दिया है कि वे उन्हें फिर से जमा करें और अपने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों से छोड़ने के कारण बताएं।"

पांच विधायक जिन्होंने इस्तीफा दिया है वे- आनंद सिंह, रामलिंग रेड्डी और प्रतापगौड़ा पाटिल कांग्रेस के हैं, जबकि एन नारायण गौड़ा और के गोपालैया जेडी-एस के हैं।

कुमार ने कहा, "मैंने सिंह, पाटिल और गौड़ा से 12 जुलाई को मिलने के लिए कहा है ताकि वे इस्तीफा दे सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि वे कानून के अनुसार स्वैच्छिक और वास्तविक थे।"

सभापति ने रेड्डी और गोपालैया को उनके इस्तीफे के कारणों को बताने के लिए 15 जुलाई को बुलाया।

जिन आठ विधायकों के इस्तीफे गलत हैं और उन्हें सही प्रारूप में फिर से देने के लिए कहा गया है। इसमें बी.सी. पाटिल, एस.टी. सोमशेखर, बृती बसवराज, रमेश जारखोली, महेश कुमथल्ली, शिवराम हेब्बर, मुनिरत्ना (सभी कांग्रेस) और जेडी-एस के ए.एच. विश्वनाथ के नाम हैं।

निलंबित कांग्रेस विधायक आर रोशन बेग के इस्तीफे पर, अध्यक्ष ने कहा कि उनके (बेग) पत्र को उनके कार्यालय द्वारा सत्यापित किया जा रहा था, क्योंकि बेग ने मंगलवार दोपहर को इसे प्रस्तुत किया था।

इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह नियमावली पुस्तिका का पालन करेंगे और इन गतिविधियों के बारे में वरिष्ठों से परामर्श करेंगे कि इन इस्तीफों को स्वीकार करना चाहिए या अन्य तरह की कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत सावधानी से निर्णय करना होगा। मेरा हर कदम इतिहास बनेगा। इसलिए मैं कोई गलती नहीं कर सकता हूं ताकि भविष्य की पीढ़ी मुझे आरोपी के तौर पर नहीं देखे।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ से उन्हें इस्तीफा अस्वीकार करने के संबंध में कोई पत्र मिला है, इस पर उन्होंने कहा कि अब तक उन्होंने कोई पत्र नहीं देखा है।

निगाहें विधानसभा अध्यक्ष कुमार पर

कर्नाटक में बदलते परिदृश्य में अब सभी की निगाहें विधानसभा अध्यक्ष कुमार पर टिकी हुई हैं, जिन्हें कांग्रेस और जद(एस) के कुल 13 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफे पर फैसला लेना है। 12 जुलाई को होने वाले विधानसभा सत्र से पहले इस्तीफा पत्रों पर विधानसभा अध्यक्ष के फैसले की काफी अहमियत है क्योंकि यह एच डी कुमारस्वीमी के नेतृत्व वाली डांवाडोल गठबंधन सरकार का भविष्य तय करेगी।

ये है विधानसभा की स्थिति

224 सदस्यीय विधानसभा में दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ भाजपा के पास 107 विधायक हैं जबकि बहुमत का आंकड़ा 113 है। अगर इन 13 विधायकों का इस्तीफे स्वीकार कर लिया जाता है तो गठबंधन का आंकड़ा घटकर 103 हो जायेगा। इसमें विधानसभा अध्यक्ष का भी एक वोट शामिल है।

 

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