Advertisement

जेएनयू में छात्रों के प्रदर्शन के आगे झुकी सरकार, आंशिक रूप से वापस हुआ फीस बढ़ाने का फैसला

हॉस्टल फीस में वृद्धि के खिलाफ जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्रों के व्यापक प्रदर्शन के बाद...
जेएनयू में छात्रों के प्रदर्शन के आगे झुकी सरकार, आंशिक रूप से वापस हुआ फीस बढ़ाने का फैसला

हॉस्टल फीस में वृद्धि के खिलाफ जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्रों के व्यापक प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने इस फैसले को आंशिक रूप से वापस ले लिया। शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यन ने बताया कि एग्जिक्यूटिव कमेटी ने हॉस्टल फीस में वृद्धि और अन्य नियमों से जुड़े फैसले को आंशिक रूप से वापस ले लिया है। उन्होंने छात्रों से अपील की है कि प्रदर्शन खत्म कर वापस क्लास का रुख करें।

शिक्षा सचिव ने बताया कि एग्जिक्यूटिव कमिटी की बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गे के छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने से संबंधित योजना का प्रस्ताव भी पेश किया गया। वहीं, इन प्रदर्शनों से बाधा की आशंका को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एग्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक परिसर से बाहर बुलाई। एग्जिक्यूटिव काउंसिल जेएनयू की सबसे बड़ी डिसिजन मेकिंग इकाई है। उधर, जेएनयू के टीचर्स असोसिएशन का आरोप है कि एग्जिक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग का स्थान बदलने की जानकारी उन्हें नहीं दी गई जो कि आईटीओ के पास असोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज आयोजित की गई।

टीचर्स एसोसिएशन ने की निंदा

जेएनयूटीए अध्यक्ष डी के लोबियाल ने कहा कहा, 'हमारे कई मुद्दे हैं, हॉस्टल मैनुअल के अलावा, शिक्षकों की पदोन्नति भी मुद्दा है। इसलिए हमारी बात भी उठनी चाहिए। पिछले तीन-चार सालों से यहां तक कि अकैडमिक काउंसिल मीटिंग या तो टाल दी जाती है या फिर दूसरे स्थान पर की जा रही है। हम इसकी निंदा करते हैं और वीसी को इस तरह से यूनिवर्सिटी नहीं चलानी चाहिए।'

उल्लेखनीय है कि स्टूडेंट्स ने सोमवार को एआईसीटीए बिल्डिंग के बाहर प्रदर्शन किया था जहां जेएनयू की दीक्षांत समारोह चल रहा था। उनके प्रदर्शन के कारण मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक छह घंटे अंदर ही फंसे रह गए।

यह थी स्टूडेंट्स की मांग

ये स्टूडेंट्स हॉस्टल मैनुअल के ड्राफ्ट को वापस लेने की मांग कर थे। जिसके मुताबिक, उनके हॉस्टल रूम का किराया कई गुना बढ़ा दिया गया था। इसके अतिरिक्त विजिटर्स के लिए रात 10:30 के बाद हॉस्टल से निकलने का प्रावधान था। वहीं, लड़कों के कमरे में किसी लड़की या फिर लड़की के कमरे में किसी लड़के की एंट्री पर रोक लगाई गई थी। हॉस्टल के नियमों का पालन न करने पर 10,000 रुपये के फाइन का भी प्रस्ताव शामिल था।

उधर, जेएनयू के स्टूडेंट्स का हॉस्टल फीस के खिलाफ बुधवार को भी सड़कों पर उतरे, जिसमें उन्हें लेफ्ट के अलावा राइट विंग की छात्र इकाई का भी समर्थन प्राप्त हुआ। आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी भी छात्रों के समर्थन में आई और इसके कार्यकर्ता यूजीसी बिल्डिंग के बाहर प्रदर्शन करते नजर आए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement