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जेट एयरवेज के CFO ने दिया इस्‍तीफा, एक महीने में कंपनी को ये चौथा झटका

आर्थिक संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज को एक और झटका लगा है। जेट एयरवेज के मुख्य वित्तीय...
जेट एयरवेज के CFO ने दिया इस्‍तीफा, एक महीने में कंपनी को ये चौथा झटका

आर्थिक संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज को एक और झटका लगा है। जेट एयरवेज के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अमित अग्रवाल ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है। अमित अग्रवाल के इस्तीफा देने के साथ ही कंपनी को ये चौथा झटका लगा है।

इस्तीफा देते हुए अमित अग्रवाल ने कहा, 'मैं सूचित करना चाहता हूं कि मैं व्यक्तिगत कारणों से अपनी सेवाओं से त्यागपत्र दे रहा हूं।'  कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अमित अग्रवाल ने निजी कारणों से इस्‍तीफा दिया है। अमित का इस्‍तीफा 14 मई से प्रभावी है।

इससे पहले तीन लोग दे चुके हैं इस्तीफा

अमित अग्रवाल के इस्तीफे के बाद पिछले एक महीने में 4 लोग कंपनी छोड़कर जा चुके हैं। इससे पहले गौरंग शेट्टी के अलावा स्वतंत्र निदेशक राजश्री पाथी और गैर-कार्यकारी निदेशक नसीम जैदी ने इस्तीफा दिया था। नसीम जैदी मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त रह चुके हैं।

आखिरी इस्‍तीफा गौरंग शेट्टी का 

अमित अग्रवाल से पहले हाल ही में गौरंग शेट्टी ने व्यक्तिगत कारणों से जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था। शेट्टी ने 23 अप्रैल को निजी कारणों को वजह बताते हुए इस्तीफा दिया था। वह पिछले कई सालों में एयरलाइन में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। जेट एयरवेज के निदेशक मंडल में अब केवल तीन निदेशक रॉबिन कामारक, अशोक चावला और शरद शर्मा रह गए हैं।

नरेश गोयल पहले ही दे चुके हैं इस्‍तीफा

जेट एयरवेज के प्रमोटर व संस्थापक नरेश गोयल और उनकी पत्‍नी ने बीते मार्च में बोर्ड मीटिंग के दौरान ही इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में कर्जदाताओं ने कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया।

जेट एयरवेज पर कुल 8,000 करोड़ रुपये का कर्ज

कई महीनों से पायलट और अन्य कर्मचारियों की सैलरी न दे पाने की वजह से भी एयरलाइन लंबे समय से संकट में घिरी थी। वर्तमान में जेट एयरवेज पर कुल 8,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। इस वजह से कंपनी के करीब 20 हजार से ज्‍यादा कर्मचारी सैलरी संकट से जूझ रहे हैं। इस बीच जेट एयरवेज की विमान सेवाएं अप्रैल में अस्‍थायी तौर पर बंद कर दी गई हैं। जेट एयरवेज के बंद होने की वजह से हजारों कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी। जेट की हिस्सेदारी खरीदने से भी कंपनियां परहेज कर रही हैं। हालांकि जेट के ही अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एतिहाद ने हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है।

जेट में 1700 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है एतिहाद

एतिहाद ने कहा है कि वह जेट में 1700 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है। एतिहाद ने जेट की उधारी चुकाने के बारे में कोई वादा नहीं किया है। पिछले शुक्रवार को जेट के लिए बोली लगाने की समयसीमा खत्म हो गई और तब तक सिर्फ एतिहाद ने ही बोली लगाई थी। उसने डेडलाइन खत्म होने से कुछ मिनट पहले ही बोली सौंपी थी। उसके अलावा जेट की खातिर नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ), टीपीजी कैपिटल और इंडिगो पार्टनर्स को चुना गया है।

जेट को अभी कम से कम 15,000 करोड़ के निवेश की जरूरत

जेट को अभी कम से कम 15,000 करोड़ के निवेश की जरूरत है। जेट एयरवेज को बैंकों ने भी मदद देने से हाथ खड़े कर दिए थे। जेट को कर्ज देने वाले बैंकों में से एक के अधिकारी ने बताया कि अगर यह तफ्तीश मुकम्मल जांच में बदलती है तो किसी वनटाइम डेट सेटलमेंट की संभावना खत्म हो सकती है या उसमें देरी हो सकती है। जेट पर कुल 8,500 करोड़ का कर्ज है।

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