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सीईओ-सीएफओ पर आरोपों के बाद इन्फोसिस के शेयर 16 फीसदी लुढ़के, मार्केट कैप 53,451 करोड़ रुपये घटा

देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस के शेयर मंगलवार को 16.21 फीसदी लुढ़ककर 643.30 रुपये पर आ गए। यह...
सीईओ-सीएफओ पर आरोपों के बाद इन्फोसिस के शेयर 16 फीसदी लुढ़के, मार्केट कैप 53,451 करोड़ रुपये घटा

देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस के शेयर मंगलवार को 16.21 फीसदी लुढ़ककर 643.30 रुपये पर आ गए। यह अप्रैल 2013 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे कंपनी का मार्केट कैप 53,451 करोड़ रुपये घटकर 2.76 लाख करोड़ रुपये रह गया। बीएसई में दिन के कारोबार में शेयर भाव 16.86 फीसदी गिरकर 638.30 रुपये पर पहुंच गए थे। एनएसई में इसमें 16.65 फीसदी गिरावट रही और शेयर 640 रुपये पर बंद हुए। सेंसेक्स और निफ्टी के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट इन्फोसिस में ही रही।

कंपनी के दो शीर्ष अधिकारियों पर अनियमितता के आरोप

सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय पर अकाउंटिंग में गड़बड़ी कर कंपनी का प्रॉफिट बढ़ाने की कोशिशों के आरोप की वजह से शेयर में गिरावट आई। 'एथिकल एम्प्लॉयी' नाम से कर्मचारियों के अज्ञात ग्रुप ने इस संबंध में कंपनी के बोर्ड को 20 सितंबर को पत्र लिखा, जिसकी जानकारी सोमवार को सामने आई।

पारेख की अमेरिका यात्रा पर भी उठे सवाल

पारेख और रॉय पर आरोप हैं कि उन्होंने गलत तरीके से कंपनी का रेवेन्यू और प्रॉफिट बढ़ाने की कोशिश की। उन पर आंकड़ों में हेर-फेर करने और ऑडिटर को अंधेरे में रखने का भी आरोप है। इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मंगलवार को बताया कि दो शिकायतें मिली हैं। एक शिकायत में सीईओ पारेख की अमेरिका और मुंबई यात्रा को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। आरोपों की जांच की जाएगी। सीईओ और सीएफओ को जांच से दूर रखा गया है।

सौदों की समीक्षा रिपोर्ट नजरअंदाज करने का आरोप

व्हिसलब्लोअर ने कहा कि पारेख ने बड़े सौदों की समीक्षा रिपोर्ट नजरअंदाज की। आरोप है कि उन्होंने ऑडिटर और कंपनी बोर्ड से मिली सूचनाएं छिपाईं। बोर्ड और ऑडिटर की मंजूरी लिए बिना 'निवेश नीति और अकाउंटिंग' में बदलाव किए ताकि शॉर्ट टर्म में इन्फोसिस का मुनाफा ज्यादा दिखे।

ई-मेल और वॉइस रिकॉर्डिंग होने का दावा

व्हिसल ब्लोअर ने इस मामले से जुड़े ई-मेल और वॉइस रिकॉर्डिंग होने का दावा किया है। साथ ही कहा- हमें उम्मीद है कि इन्फोसिस का बोर्ड इस मामले में उचित जांच कर कार्रवाई करेगा। शिकायतकर्ताओं ने इन्फोसिस बोर्ड के साथ ही अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को भी पत्र लिखा है। इन्फोसिस अमेरिकी शेयर बाजार में भी लिस्टेड है।

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