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प्रत्यर्पण से बचने के लिए माल्या ने फिर भारत की जेलों को बताया खराब

ब्रिटेन में प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई का सामना कर रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने एक बार फिर भारतीय...
प्रत्यर्पण से बचने के लिए माल्या ने फिर भारत की जेलों को बताया खराब

ब्रिटेन में प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई का सामना कर रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने एक बार फिर भारतीय जेलों की खराब हालत की अजीबो-गरीब दलील दी है। माल्या के वकीलों ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान भारतीय जेलों का मामला उठाया।

वकीलों ने कहा कि भारतीय जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होते हैं और उनमें साफ-सफाई भी ठीक नहीं होती है। माल्या की वकील क्लेयर मोंटगोमेरी ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में गवाह के तौर पर जेल सेवाओं के विशेषज्ञ डॉ एलन मिशेल को पेश किया।

वकील ने धोखाधड़ी और ब्लैक मनी मामले में प्रत्यर्पण की स्थिति में माल्या के साथ किए जाने वाले व्यवहार संबंधी भारत सरकार के दावों को गलत साबित करने की कोशिश की। मोंटगोमेरी ने कहा कि माल्या को मुंबई के आर्थर रोड जेल के 12वें बैरक में रखा जाएगा, उसकी स्थिति संतोषजनक नहीं है।

माल्या की वकील मोंटगोमेरी ने डॉ. एलन मिशेल की गवाही के सहारे मुंबई में आर्थर रोड स्थित केंद्रीय जेल की बैरक नंबर 12 की हालत को कोर्ट के सामने बयां किया। स्काटिश कारागार सेवा में हेल्थकेयर के पूर्व प्रमुख डॉ. मिशेल ने कहा कि भारत सरकार ने आश्वासन दिया था कि माल्या को रखने के लिए उनके यहां की जेलों में 'उचित व्यवस्था' है, लेकिन यह 'उचित व्यवस्था' किसकी नजरों में है?

उन्होंने ब्रिटेन के छह पूर्व सैनिकों के चेन्नई जेल में बंद रहने का हवाला दिया और बताया, फोन पर बातचीत में ब्रिटेन के एक पूर्व सैनिक ने बताया था कि जेल में उसे टार्चर किया जाता है। इसके बाद माल्या की वकील ने दलील दी कि ऐसी स्थिति में हमारे मुवक्किल का यदि प्रत्यर्पण होता है, तो उसे भी जेल में बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।  

उल्लेखनीय है कि 9000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के संदर्भ में ब्रिटेन की अदालत में माल्या के प्रत्यर्पण की जारी सुनवाई 4 दिसंबर को शुरू हुई थी।

पहले भी उठाया था भारतीय जेलों का मुद्दा

इससे पहले भी ब्रिटिश कोर्ट में विजय माल्या की तरफ से भारतीय जेलों का मुद्दा उठाया गया था और कहा गया था कि ये अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के नहीं हैं। इसके बाद मुंबई जेल प्रशासन ने कैदियों को दी जाने वाली सुविधाओं का ब्योरा गृह मंत्रालय को सौंपा था जो आगे ब्रिटिश कोर्ट में पेश किया गया था।

कोर्ट को बताया गया था, माल्या के प्रत्यर्पण के बाद उन्हें आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जिसकी तुलना आर्थर रोड जेल के बाकी के हिस्से, महाराष्ट्र तथा बिहार के किसी जेल और अलीपुर केंद्रीय कारागार से बिल्कुल नहीं की जा सकती। कोर्ट में कहा गया था कि जेल के अंदर विजय माल्या के लिए मेडिकल सुविधाएं भी मौजूद रहेंगी।

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