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तोमर की हिंदी में लिखी चिट्ठी का सांसद ने उड़िया में दिया जवाब, बताया दूसरी भाषाओं पर हमला

सांसद ने कहा, “केंद्रीय मंत्री क्यों हिंदी नहीं बोलने वाले भारतीयों को हिंदी बोलने के लिए मजबूर कर रहे हैं?
तोमर की हिंदी में लिखी चिट्ठी का सांसद ने उड़िया में दिया जवाब, बताया दूसरी भाषाओं पर हमला

गैर हिंदी राज्यों द्वारा भाषाई अस्मिता और हिंदी विरोध के स्वर चरम पर है। अब ओडिशा के एक सांसद ने केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के द्वारा हिंदी में लिखे एक पत्र का उड़िया में जवाब दिया और इसे दूसरी भाषाओं पर हमला करार दिया है।

दरअसल, 11 अगस्त को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 2022 में भारत कैसे हो विषय  पर चर्चा के लिए टी सत्पथी को आमंत्रित करते हुए एक खत लिखा जो कि हिंदी में था।

ओडिशा के ढेंकानाल से बीजू जनता दल के सांसद टी सत्पथी ने हिंदी में लिखे इस पत्र को अन्य भाषाओं पर हमला करार दिया। टी सत्पथी ने ट्विटर पर लिखा कि मंत्री ने जो लिखा है वो मुझे समझ नहीं आ रहा इसलिए मैं अपना उत्तर उड़िया में भेज रहा हूं।

 

इसके बाद सांसद ने और भी ट्वीट किए। दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, “केंद्रीय मंत्री क्यों हिंदी न बोलने वाले भारतीयों को हिंदी बोलने के लिए मजबूर कर रहे हैं? क्या यह दूसरी भाषाओं पर हमला है?”

 

सत्पथी ने ट्वीट करके बताया, “मैं नरेंद्र तोमर से एक अनुवाद प्रदान करने के लिए कहूंगा क्योंकि मैं एक अनुवादक की खोज में नहीं जा सकता हूं।” उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से सरकार की तरफ से उनकी भाषाओं में जानकारी देने एक अनुवादक रखना चाहिए। इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

 

गौरतलब है कि इससे पहले बेंगलुरु मेट्रो में लगे हिंदी साइन बोर्डों पर कन्नड़ समर्थकों ने कालिख पोत दी थी। तमिलनाडु ओर कर्नाटक के बाद अब हिंदी विरोध के स्वर ओडिशा जैसे राज्यों में भी सुनाई देना चिंताएं बढ़ा सकती है।

 

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