Advertisement

ICICI मामला: बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का फैसला, चंदा कोचर का इस्तीफा माना जाएगा निष्कासन

वीडियोकॉन लोन मामले में आईसीआईसीआई बैंक की स्वतंत्र जांच में पूर्व सीईओ चंदा कोचर को दोषी पाया गया...
ICICI मामला: बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का फैसला, चंदा कोचर का इस्तीफा माना जाएगा निष्कासन

वीडियोकॉन लोन मामले में आईसीआईसीआई बैंक की स्वतंत्र जांच में पूर्व सीईओ चंदा कोचर को दोषी पाया गया है। बैंक ने कहा कि स्वतंत्र जांच में सामने आया है कि पूर्व सीईओ चंदा कोचर ने नियमों का उल्लंघन किया था। हम उनके इस्तीफे को कारण विशेष के लिए उनका निष्कासन मानेंगे।

बैंक ने कहा कि चंदा कोचर आईसीआईसीआई के नियमों इसकी, कार्यशैली का उल्लंघन कर रही थीं। बोर्ड डायरेक्टर्स ने फैसला लिया है कि आंतरिक पॉलिसी के तहत चंदा के बैंक से अलग होने को कारण विशेष के लिए उनका निष्कासन माना जाएगा। उन्हें फायदों का भुगतान नहीं किया जाएगा, इसमें बोनस भी शामिल है।

पिछले साल दिया था मैनेजिंग डायरेक्टर-सीईओ पद से इस्तीफा

चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के पद से अक्टूबर 2018 में इस्तीफा दे दिया था। कोचर ने बोर्ड से अपील की थी कि उन्हें जल्द रिटायरमेंट दे दिया जाए, जिसे मंजूर कर लिया गया था।

इस साल सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की

सीबीआई ने जनवरी 2019 में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के एमडी वेणुगोपाल धूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी ने वीडियोकॉन कंपनी के मुंबई-औरंगाबाद स्थित दफ्तरों और दीपक कोचर के ठिकानों पर छापे भी मारे थे 

वीडियोकॉन लोन मामले में चंदा पर आरोप

एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया था। इसका 86% हिस्सा ही चुकाया गया। बाद में वीडियोकॉन की मदद से बनी एक कंपनी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की अगुआई वाले ट्रस्ट के नाम कर दी गई। चंदा कोचर पर वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत के जरिए अपने पति दीपक कोचर, भाभी और ससुर को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement