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चंद्रशेखर राव ने दूसरी बार ली तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने गुरुवार को दूसरी बार तेलंगाना...
चंद्रशेखर राव ने दूसरी बार ली तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने गुरुवार को दूसरी बार तेलंगाना के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उनका यह लगातार दूसरा कार्यकाल है।

केसीआर के नाम से लोगों में लोकप्रिय चंद्रशेखर राव को राजभवन में दोपहर बाद 1.30 बजे आयोजित समारोह में राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

इससे पहले टीआरएस प्रमुख ने कहा कि वह अपने मंत्रिमंडल में सभी वर्गो को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश करेंगे। राज्य में संवैधानिक व्यवस्था के तहत मंत्रिमंडल में अधिकतम 18 सदस्य हो सकते हैं।

बता दें कि राव को विधायक दल का नेता चुन कर दूसरी बार उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ किया गया। नव निर्वाचित विधायक यहां टीआरएस मुख्यालय, तेलंगाना भवन में एकत्रित हुए और सर्वसम्मति से फैसला किया। सात दिसंबर को हुए विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने 119 सदस्यीय विधानसभा में 88 सीटों पर जीत हासिल की। राव ने सिद्दीपेट जिले की गजवेल सीट से 58,290 मतों के अंतर से जीत हासिल की है।

पीपुल्स फ्रंट' की चुनौती को किया ध्वस्त

तेलंगाना में सात दिसंबर को हुये चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल कर सत्ता में वापसी करने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के खाते में राज्य के कुल मतों का 46.9 प्रतिशत वोट आया। टीआरएस को मिला वोट प्रतिशत 2014 में अविभाजित आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में मिले मतों से करीब 13 प्रतिशत अधिक है। के चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली टीआरएस ने राज्य में 88 सीटों पर जीत हासिल की है और इसने कांग्रेस-तेदेपा के नेतृत्व वाले ‘पीपुल्स फ्रंट' की चुनौती को ध्वस्त कर दिया है। इस गठबंधन में टीजेएस और भाकपा भी शामिल थी।

केसीआर का सियासी सफर

युवा कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक करिअर की शुरुआत करने वाले राव ने 1983 में तेलुगुदेशम पार्टी का दामन थामा। वह पहले ही चुनाव में सिद्दीपेट सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार से हार गए। केसीआर 1985 में इस सीट पर चुनाव जीत गए और उसके बाद से उनका सफर सफलता के पथ पर आगे बढ़ता रहा। 1987 से 1988 तक केसीआर आंध्र प्रदेश में राज्यमंत्री रहे, इसके अलावा 1997-99 के बीच वह केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे।

इसके बाद केसीआर 1999 से 2001 तक आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे। हालांकि इसके बाद उन्होंने अलग तेलंगाना राज्य की मांग के साथ टीडीपी से किनारा कर लिया और अपनी पार्टी टीआरएस का गठन कर लिया। 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया और पांच सीटों पर जीत हासिल की।

राव ने 2009 के लोकसभा चुनाव टीडीपी के साथ मिलकर लड़े। विभिन्न राजनीतिक घटनाक्रम से गुजरते हुए राव ने अलग तेलंगाना राज्य के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया। तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने नौ दिसंबर, 2009 को घोषणा की कि तेलंगाना के गठन के लिए कदम उठाए जाएंगे। इसके बाद राव ने 11 दिन तक चले अपने अनशन को समाप्त कर दिया। लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार वह अलग तेलंगाना राज्य बनवाने में सफल रहे और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने।

 

 

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