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हरिद्वार: कुंभ के तिमंजिले अस्पताल में न लिफ्ट न रैंप, हाईकोर्ट ने अपने आदेश में गिनाईं मेला क्षेत्र की खामियां

देहरादून। हरिद्वार कुंभ शुरू होने में महज चंद रोज ही बाकी है और तैयारियां हैं कि पूरे होने का नाम ही...
हरिद्वार: कुंभ के तिमंजिले अस्पताल में न लिफ्ट न रैंप, हाईकोर्ट ने अपने आदेश में गिनाईं मेला क्षेत्र की खामियां

देहरादून। हरिद्वार कुंभ शुरू होने में महज चंद रोज ही बाकी है और तैयारियां हैं कि पूरे होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। नैनीताल हाईकोर्ट कुंभ पर एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अपने 24 मार्च के आदेश में कुंभ क्षेत्र की तमाम खामियों का जिक्र किया है। हाईकोर्ट ने आश्चर्य का व्यक्त करते हुए कहा कि कुंभ क्षेत्र में बने साढ़े पांच सौ बेड के तिमंजिले अस्पताल में मरीजों के लिए न तो लिफ्ट है और न ही रैंप। समाजसेवी अनूप नौटियाल ने भी इस बारे में ट्वीट किया है।

नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और आलोक वर्मा की खंडपीड कुंभ को लेकर दाखिल एक याचिका की सुनवाई कर रहा है। 24 मार्च को खंडपीठ ने एक अंतरिम आदेश जारी किया है। समाजसेवी अनूप के ट्वीट के अनुसार अपने इस आदेश में खंडपीठ ने दो रिपोर्ट का हवाला देते हुए तमाम खामियों का खुलासा किया है। इसमें कहा गया है कि कुंभ के लिए साढ़े पांच सौ बेड के तिमंजिले भवन में मरीजों के लिए न तो लिफ्ट है और न ही रैंप। ऐसे में मरीजों के दूसरे और तीसर तल पर कैसे ले जाया जाएगा। बैड के पास आक्सीजन सिलेंडर भी नहीं लगाए गए हैं। वैंटिलेटर का भी इंतजाम नहीं है। स्टाफ की कमी है और 40 डाक्टरों ने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है। इतना ही नहीं भर्ती किए गए मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण भी नहीं दिलाया गया है। कुंभ क्षेत्र में डॉक्टरों के लिए कियोस्क भी नहीं बने हैं।

आदेश में लिखा है कि हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में हालात ठीक हैं। लेकिन पौड़ी, टिहरी और देहरादून जिले की सीमा में आने वाले कुंभ क्षेत्र में कोई सुविधाएं नहीं हैं। तपोवन, स्वर्गाश्रम और मुनिकी रेती कुंभ क्षेत्र में व्यवस्थाएं पर्याप्त नहीं हैं। इन क्षेत्रों के घाटों का नवीनीकरण भी नहीं कराया गया है। इन क्षेत्रों में मोबाइल यूरिनल और वाशरूम भी नहीं है। इन व्यवस्थाओं को तत्काल पूरा करने को कहा गया है। आदेश में हरिद्वार स्थित हरकी पैडी का भी जिक्र है। इसमें कहा गया है कि यहां महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम नहीं है। महिला घाट पर वाशरूम और शौचालय ही हालत खराब है। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा कि वे अफसरों के साथ तमाम व्यवस्थाओं को खुद देखें और 31 मार्च को अगली सुनवाई पर अपनी रिपोर्ट पेश करे। हाईकोर्ट ने कहा है कि आशा है कि सरकार औऱ सतर्क होगी और यह सुनिश्चित करेगी कि कुंभ क्षेत्र कोविड-19 महामारी का ब्रीडिंग ग्राउंड न बन पाए।

हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि केंद्र और राज्य की एसओपी का पालन कराया जाए। घाटों पर प्रवेश के वक्त श्रद्धालुओं की चेकिंग के लिए थर्मल गन का इस्तेमाल किया जाए। साथ ही सेनेटाइजर का भी इंतजाम हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिकतम 72 घंटे पुरानी कोविड नेगेटिव रिपोर्ट वालों को ही कुंभ क्षेत्र में प्रवेश दिया जाए। अहम बात यह भी है कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ऐसा कुछ नहीं कहा है जिसके आधार पर कोविड वैक्सीनेशन कराने वालों को बगैर कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के कुंभ क्षेत्र में प्रवेश करने दिया जाए।

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