Advertisement

सरकार ने मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज पर लगाया 1700 करोड़ रुपये का जुर्माना

पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि कंपनी पर कुल जुर्माना, जो कि अप्रैल 2010 से छह वर्ष में इस परियोजना में प्रोडक्शन टारगेट से पीछे रहने के कारण, 3.02 अरब डॉलर का लगाया जा चुका है।
सरकार ने मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज पर लगाया 1700 करोड़ रुपये का जुर्माना

सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और उसके साझेदारों पर 264 मिलियन (करीब 1700 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सरकार ने यह जुर्माना वर्ष 2015-16 में पूर्वी ऑफश्योर केजी (कृष्णा-गोदावरी बेसिन के फील्ड) डी6 ब्लॉक से 2015-16 में प्राकृतिक गैस का प्रोडक्शन टारगेट पूरा न करने पर लगाया है।

पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि कंपनी पर कुल जुर्माना, जो कि अप्रैल 2010 से छह वर्ष में इस परियोजना में प्रोडक्शन टारगेट से पीछे रहने के कारण, 3.02 अरब डॉलर का लगाया जा चुका है। प्रोडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट (पीएससी) आरआईएल और उसके साझेदारों ब्रिटिश कंपनी बीपी और कनाडा की निको रिसोर्सेज को सरकार के साथ लाभ साझा करने से पहले गैस की बिक्री से हुई कमाई और परिचालन खर्चे डिडक्ट करने की अनुमति देता है।

इस परिेयोजना का विकास और परिचालन वसूलने पर रोक से उत्पादन लाभ में सरकार का हिस्सा बढ़ेगा। अधिकारी ने बताया है कि सरकार ने दावा किया है कि परियोजना विकास और परिचालन वसूलने पर रोक से उसे 175 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त लाभ हुआ है। इस परियोजना के धीरूभाई अंबानी-1 और 3 गैस फील्ड में दैनिक 8 करोड़ क्यूबिक मीटर के उत्पादन के लक्ष्य से साथ परियोजना खर्च की मंजूरी दी गयी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक केजी-डी6 ब्लॉक के धीरूभाई-1 और धीरूभाई-3 गैस फील्ड से 80 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर प्रतिदिन (एमएमएससीएमडी) गैस उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। लेकिन, यहां से वास्तविक उत्पादन 2011-12 में 35.33 एमएमएससीएमडी, 2012-13 में 20.88 एमएमएससीएमडी और 2013-14 में 9.77 एमएमएससीएमडी ही रहा। इसके अलावा मौजूदा गैस उत्पादन चार एमएमएससीएमडी से नीचे आ गया है।

पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक सरकार ने 2010-11 में 45.7 करोड़ डॉलर, 2011-12 में 54.8 करोड़, 2012-13 में 79.2 करोड़, 2013-14 में 57.9 करोड़ और 2014-15 में 38 करोड़ डॉलर की लागत घटाने की अनुमति नहीं दी। इस तरह कुल जुर्माना अब 3.02 अरब डॉलर (लगभग 19,368 करोड़ रुपये) हो गया है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad