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स्विट्जरलैंड सरकार की कार्रवाई, नीरव मोदी के चार बैंक खाते सीज, 283 करोड़ रुपये थे जमा

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ हजारों करोड़ रुपये का लोन फ्रॉड करके विदेश भागने वाले आरोपी और मनी...
स्विट्जरलैंड सरकार की कार्रवाई, नीरव मोदी के चार बैंक खाते सीज, 283 करोड़ रुपये थे जमा

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ हजारों करोड़ रुपये का लोन फ्रॉड करके विदेश भागने वाले आरोपी और मनी लॉन्ड्रिंग केस में भगोड़ा साबित किए जा चुके हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर स्विट्जरलैंड सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने नीरव मोदी के और उसकी बहन के चार बैंक खातों को सीज कर दिया है। स्विट्जरलैंड सरकार की ओर से की गई इस कार्रवाई के बाद नीरव मोदी से जुड़े लोग भी उनके अकाउंट में जमा रुपयों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। बताया जा रहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के बाद नीरव मोदी को कुल 6 मिलियन डॉलर की संपत्ति से हाथ धोना पड़ा है।

लंदन की अदालत में सुनवाई हुई

वहीं, दूसरी तरफ नीरव मोदी को आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लंदन की अदालत में सुनवाई के लिए पेश किया गया। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में नियमित हिरासत पर सुनवाई के लिए यह पेशी हुई।

लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है

नीरव (48) करीब दो अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 14000 करोड़ रुपये) के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले और धनशोधन मामले में मार्च में अपनी गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिमी लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है। इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने नीरव की जमानत की अर्जी ठुकरा दी थी, जिसके बाद से अदालत में उसकी पहली पेशी होगी।

 अब तक चार बार ठुकराई जा चुकी है नीरव मोदी की जमानत याचिका

नीरव मोदी की जमानत याचिका अब तक चार बार ठुकराई जा चुकी है। लंदन के रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में दिये गए अपने फैसले में न्यायमूर्ति इंग्रिड सिमलर ने कहा कि मोदी के पास फरार होने के रास्ते हैं, लिहाजा यह मानने के लिए पर्याप्त आधार हैं कि वह आत्मसमर्पण नहीं करेगा।

इस पर नीरव मोदी के वकीलों ने कोर्ट में कहा था कि उसे जमानत दे दी जाए, वह जांच में पूरी तरह सहयोग करेंगे और इंग्लैंड छोड़कर नहीं भागेंगे। कोर्ट ने भारतीय अधिकारियों से यह भी पूछा था कि वह नीरव मोदी को किस जेल में रखेंगे।

याचिकाकर्ता पर कई देशों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं

जमानत के प्रयासों पर न्यायाधीश सिमलर ने बाकी लोगों की तरह चिंताओं को दोहराते हुए फैसला सुनाया था। उन्होंने नीरव की अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इस मामले में गवाहों के हस्तक्षेप और सबूत नष्ट करने के मजबूत सबूत मिले थे। यह अभी भी हो सकता है। न्यायधीश ने आगे कहा था कि याचिकाकर्ता पर कई देशों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं, ऐसे में उसे जमानत देना ठीक नहीं होगा।

 

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