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संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव और नोबेल विजेता कोफी अन्नान का निधन, जानिए उनकी अहम बातें

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के पूर्व महासचिव और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कोफी अन्नान का 80 साल की उम्र में...
संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव और नोबेल विजेता कोफी अन्नान का निधन, जानिए उनकी अहम बातें

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के पूर्व महासचिव और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कोफी अन्नान का 80 साल की उम्र में निधन हो गया। मूल रूप से घाना के कोफी अन्नान को वैश्विक स्तर पर शांति प्रयासों और गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है।

वे 1962 से 1974 तक और 1974 से 2006 तक संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत रहे। वे 1 जनवरी 1997 से 31 दिसम्बर 2006 तक दो कार्यकालों के लिये संयुक्त राष्ट्र के महासचिव रहे। उन्हें संयुक्त राष्ट्र के साथ 2001 में नोबेल शांति पुरस्कार से सह-पुरस्कृत किया गया।

कोफी अन्नान का जन्म 8 अप्रैल 1938 को गोल्ड कोस्ट (वर्तमान देश घाना) के कुमसी नामक शहर में हुआ। 1954 से 1957 तक कोफी अन्नान ने मफिन्तिस्म स्कूल में शिक्षा ली। अन्नान 1957 में फोर्ड फाउन्डेशन की दी छात्रावृत्ति पर अमेरिका गए। वहां 1958 से 1961 तक उन्होंने मिनेसोटा राज्य के सन्त पॉल शहर में मैकैलेस्टर कॉलेज में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और 1961 में उन्हें स्नातक की डिग्री मिली। 1961 में अन्नान ने 'अंतरराष्ट्रीय संबंध' में जिनेवा के ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज से डीईए की डिग्री की। उन्होंने 1971 से जून 1972 में अल्फ्रेड स्लोअन फेलो के तौर पर एमआईटी से मैनेजमेंट में एमएस की डिग्री प्राप्त की। अन्नान अंग्रेजी, फ्रेंच, क्रू, अकान की अन्य बोलियों और अन्य अफ्रीकी भाषाएं धाराप्रवाह बोलते थे।

1962 में कोफी अन्नान ने संयुक्त राष्ट्र की संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए एक बजट अधिकारी के रूप में काम शुरू कर दिया। वे विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ 1965 तक रहे। 1965 से 1972 तक उन्होंने इथियोपिया की राजधानी अद्दीस अबाबा में संयुक्त राष्ट्र की इकॉनोमिक कमिशन फॉर अफ्रीका के लिए काम किया। वो अगस्त 1972 से मई 1974 तक जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के लिये प्रशासनिक प्रबंधन अधिकारी के तौर पर रहे। 1973 की अरब-इजराइली जंग के बाद मई 1974 से नवंबर 1974 तक वो मिस्र में शांति अभियान में संयुक्त राष्ट्र द्वारा कार्यरत असैनिक कर्मचारियों के मुख्य अधिकारी (चीफ पर्सनल ऑफिसर) के पद पर कार्यरत रहे। उसके बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र छोड़ दिया और घाना लौट गए। 1974 से 1976 तक वह घाना में पर्यटन के निदेशक के रूप में रहे।

1976 में वे संयुक्त राष्ट्र में कार्य करने हेतु जिनेवा लौट गए। 1980 में वे संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायोग के उप-निदेशक नियुक्त हुए। 1984 में वह संयुक्त राष्ट्र के बजट विभाग के अध्यक्ष के रूप में न्यूयॉर्क वापस आए। 1987 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र के मानव संसाधन विभाग और 1990 में बजट एवं योजना विभाग का सहायक महासचिव नियुक्त किया गया। मार्च 1992 से फरवरी 1993 तक वे शांति अभियानों के सहायक महासचिव रहे। मार्च 1993 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र का अवर महासचिव नियुक्त किया गया और वे दिसम्बर 1996 तक इस पद पर कार्यरत रहे।

उन्होंने 1997 में संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न संगठनों में सामंजस्य बढ़ाने के लिये संयुक्त राष्ट्र विकास समूह की स्थापना की। उनके कार्यकाल में साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र ने सहस्राब्दी विकास लक्ष्य अपनाए, जिसके तहत 2015 तक विश्व में गरीबी को आधा करने का संकल्प लिया गया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में प्रशासनिक एवं वित्तीय सुधार किए, जिसमें सचिवालय का बड़ा प्रशासनिक पुनर्गठन भी शामिल था।


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