Advertisement

अाज मिल सकती है वोडाफोन-आइडिया के विलय को मंजूरी

रिलायंस जियो के प्रवेश के बाद टेलीकॉम बाजार जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजर रहा है। उसे टक्कर...
अाज मिल सकती है वोडाफोन-आइडिया के विलय को मंजूरी

रिलायंस जियो के प्रवेश के बाद टेलीकॉम बाजार जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजर रहा है। उसे टक्कर देने के लिए वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर की विलय योजना को दूरसंचार विभाग की मंजूरी सोमवार को मिल सकती है। विलय के बाद कंपनी का नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड होगा। मौजूदा ग्राहक संख्या के हिसाब से यह देश की सबसे बड़ी मोबाइल दूरसंचार सेवा कंपनी हो जाएगी। पीटीआई के मुताबिक, वोडाफोन-आइडिया के विलय को दूरसंचार विभाग की मंजूरी सोमवार को मिल सकती है।

दोनों कंपनियों के विलय के बाद आज के हिसाब से नई कंपनी की संयुक्त आय 23 अरब डालर (1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक) होगी और उसके ग्राहकों का आधार 43 करोड़ होगा। इस तरह यह देश की सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। इस बढ़ी हुई ताकत से दोनों कंपनियों को बाजार प्रतिस्पर्धा से निपटने में काफी मदद मिलने की उम्मीद है।  इससे मोबाइल इंटरनेट और कॉल सेवाओं की दरें काफी कम हो गई हैं।

दूरसंचार विभाग आईडिया सेल्यूलर के स्पेक्ट्रम के एकबारगी शुल्क के लिए 2100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी मांग सकता है। इसके अलावा उसे यह भरोसा भी देना होगा कि वह अदालती आदेश के अनुसार स्पेक्ट्रम संबंधी सभी बकायों का निपटान करेगी। स्पेक्ट्रम शुल्क टुकड़ों में भुगतान के लिए वोडाफोन इंडिया की एक साल की बैंग गारंटी की जिम्मेदारी आइडिया को लेनी होगी। सूत्रों के अनुसा विभाग दोनों कंपनियों से यह भी वचन लेगा कि वे न्यायालय में लंबित मामलों से उत्पन्न किसी भी देनदारी को चुकाएंगी।

विलय के बाद नई कंपनी में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45.1 प्रतिशत और कुमारमंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाले आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत तथा आइडिया के शेयरधारकों की हिस्सेदारी 28.9 प्रतिशत होगी। प्रस्तावों के मुताबिक कुमारमंगलम बिड़ला नई कंपनी के गैर-कार्यकारी चेयरमैन होंगे और बालेश शर्मा को कंपनी का मुख्यकार्यपालक अधिकारी बनाया जा सकता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad