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कोर्ट ने विजय माल्या की संपत्तियों को कुर्क करने का दिया आदेश

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) उल्लंघन से जुड़े एक मामले में...
कोर्ट ने विजय माल्या की संपत्तियों को कुर्क करने का दिया आदेश

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) उल्लंघन से जुड़े एक मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या की बेंगलुरू में स्थित संपत्तियों को 10 जुलाई तक कुर्क करने का आदेश दिया है। 

बेंगलुरू पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय के विशेष लोक अभियोजक एन के मत्ता और वकील संवेदना वर्मा के जरिए इस बारे में कोर्ट के पहले के आदेश को लागू करने के लिए और समय मांगा था। शनिवार को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने सीआरपीसी की धारा 83 के तहत माल्या की संपत्तियों की कुर्की का आदेश दिया।

159 संपत्तियों की हुई थी पहचान

इससे पहले बेंगलुरू पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि उसने माल्या की 159 संपत्तियों की पहचान की है लेकिन वह इनमें से किसी को भी कुर्क नहीं कर पाई। कोर्ट ने पिछले साल आठ मई को बेंगलुरू पुलिस आयुक्त के जरिए मामले में माल्या की संपत्तियां कुर्क करने का निर्देश दिया था और इस पर रिपोर्ट मांगी थी। माल्या के खिलाफ 12 अप्रैल 2017 को बेमियादी गैर जमानती वारंट जारी किया था। गैर जमानती वारंट के विपरीत बेमियादी गैर जमानती वारंट में उसे लागू करने की कोई समयसीमा नहीं होती।

पिछले साल किया था भगोड़ा घोषित

पटियाला हाउस कोर्ट ईडी की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें विजय माल्या की संपत्तियों को कुर्क करने की मांग की गई है। देश के अलग-अलग बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये लेकर फरार हो चुके विजय माल्या को फेरा के नियमों का उल्लंघन करने के एक मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले साल चार जनवरी को भगोड़ा घोषित किया था।

माल्या ने आरोप को बताया था गलत

दो सालों बाद चुप्पी तोड़ते हुए माल्या ने कहा था कि बैंक डिफॉल्ट मामलों में वह एक पोस्टर ब्‍वॉय बन कर रह गए हैं। माल्या ने बयान जारी कर कहा था कि उन्होंने 15 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री और अरुण जेटली दोनों को अपनी कहानी बताते हुए पत्र लिखा था। उन्‍होंने कहा कि मुझ पर राजनीतिक नेताओं और मीडिया के द्वारा 9,000 करोड़ रुपये की चोरी कर देश छोड़ कर भाग जाने का आरोप लगाया गया। ये वही राशि है जो उन्होंने कथित तौर पर अपनी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन के लिए कर्ज के रूप में लिया था। उनका कहना था कि कुछ बैंकों ने मुझे जानबूझ कर बैंक डिफॉल्टर करने वाला भी नाम दे दिया।

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