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कोरोना वायरस: लॉकडाउन से रुके निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, मकानों की बिक्री पर पड़ेगा असर

कोरोना वायरस का असर देश में निर्माणाधीन मकानों पर पड़ेगा। देशभर में लॉकडाउन से आवासीय संपत्तियों की...
कोरोना वायरस: लॉकडाउन से रुके निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, मकानों की बिक्री पर पड़ेगा असर

कोरोना वायरस का असर देश में निर्माणाधीन मकानों पर पड़ेगा। देशभर में लॉकडाउन से आवासीय संपत्तियों की बिक्री प्रभावित होगी और पहले से चल रहे प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी होगी। आवासीय सलाहकार फर्म अनारॉक ने कहा है कि कोरोना वायरस का संकट खत्म होने के बाद सरकार को इस क्षेत्र के लिए आर्थिक कदम उठाने होंगे। निर्माण में देरी के लिए रेरा के तहत जुर्माने को खत्म करना होगा।

सलाहकार फर्म के मुताबिक, देश के सात प्रमुख शहरों में 15.62 लाख से अधिक इकाइयां निर्माणाधीन हैं जो 2013 से 2019 के बीच शुरू हुई थीं। ये शहर दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे हैं। इनमें से सिर्फ मुंबई महानगर क्षेत्र और दिल्ली-एनसीआर में ही 57 प्रतिशत यानी करीब 8.90 लाख इकाइयां हैं। इन दोनों क्षेत्रों में पहले से ही लाखों रूके हुए प्रोजेक्ट का बैकलॉग है।

डिलीवरी में होगी देरी

निर्माण गतिविधि के साथ लगभग एक ठहराव पर आने के कारण होमबॉयर्स को विलंबित डिलीवरी में देरी होगी। एमएमआर में मौजूदा समय में सबसे ज्यादा करीब 4.65 लाख इकाइयों का स्टॉक है जो देश के सात शहरों के प्रोजेक्ट का करीब 30 प्रतिशत है जबकि एनसीआर में 27 प्रतिशत स्टॉक है। इसमें 4.27 प्रतिशत इकाइयां निर्माणाधीन हैं।

खरीदने वालों में भी आएगी कमी

अनारॉक ने कहा कि इन शहरों में 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा के चलते घर खरीदारों को प्रोजेक्ट में देरी के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए। संस्था के निदेशक और प्रमुख प्रशांत ठाकुर ने कहा कि लॉक डाउन के चलते कई प्रमुख प्रोजेक्ट साइट्स में लगभग कोई काम नहीं होगा। इससे डेवलपर्स की माली हालत भी प्रभावित होगी और घर खरीदने वालों में भी कमी आएगी।

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