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70 कलाकारों ने किया राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का बहिष्कार, खाली रहीं कुर्सियां

गुरुवार को विज्ञान भवन में आयोजित 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण समारोह का लगभग 70 विजेताओं ने...
70 कलाकारों ने किया राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का बहिष्कार, खाली रहीं कुर्सियां

गुरुवार को विज्ञान भवन में आयोजित 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण समारोह का लगभग 70 विजेताओं ने बहिष्कार किया। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के इतिहास में पहली बार ऐसी घटना हुई है। 125 विजेताओं को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पुरस्कार नहीं दिलवाने के विरोध में विजेताओं ने यह कदम उठाया।

दरअसल आयोजन के शेड्यूल में राष्ट्रपति की उपस्थिति केवल 1 घंटे की थी। उन्होंने सिर्फ 11 लोगों को पुरस्कार दिया। बाकी को उनके आने से पहले ही सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने पुरस्कार प्रदान किए।

नेशनल फिल्म अवार्ड्स समारोह के रिहर्सल से ठीक पहले अंतिम समय में कार्यक्रम में बदलाव की सूचना दी गई। यह सुनकर कई विजेता भड़क गए और उन्होंने बहिष्कार करने की चेतावनी दी।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में अभी तक की परंपरा के अनुसार राष्ट्रपति ही सभी विजेताओं को पुरस्कृत करते आए हैं।

नजर आईं खाली कुर्सियां

जिन कलाकारों ने विरोध करते हुए कार्यक्रम स्थल में नहीं आए उनके नेमप्लेट वहां से हटा लिए गए। समारोह स्थल में उनकी खाली कुर्सियां नजर आईं।

'भरोसे के टूटने जैसा'

फैसले के विरोध में पत्र में लिखा गया, ‘‘यह भरोसे के टूटने जैसा लगता है जब अत्यधिक प्रोटोकॉल का पालन करने वाला एक संस्थान/समारोह हमें पूर्व सूचना नहीं देता है और समारोह के इस महत्वपूर्ण आयाम की सूचना देने में विफल रहता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण लगता है कि 65 साल से चली आ रही परंपरा को एक पल में बदला जा रहा है।’’ पत्र में निर्देशक कौशिक गांगुली, सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार जीतने वाले फहद फासिल और गायक के जे येसुदास जैसी प्रमुख हस्तियों ने हस्ताक्षर किए।

राष्ट्रपति ने दिए ये पुरस्कार

दादासाहेब फाल्‍के पुरस्‍कार : विनोद खन्ना
बेस्‍ट एक्‍ट्रेस: श्रीदेवी, (मॉम)
राष्‍ट्रीय एकता पर बनी फीचर फिल्‍म को नर्गिस दत्त अवॉर्ड: धप्‍पा
सिनेमा पर बेस्‍ट बुक: मातामगी मनीपुर
बेस्‍ट जसारी फिल्‍म: सिंजर
बेस्‍ट डायरेक्‍टर: नागराज मंजुले
बेस्‍ट मेल प्‍लेबैक सिंगर: के जे यसुदास
बेस्‍ट म्‍यूजिक डायरेक्‍शन: ए आर रहमान
बेस्‍ट एक्‍टर: रिद्ध‍ि सेन
बेस्‍ट डायरेक्‍शन: जयराज
बेस्‍ट फीचर फिल्‍म: विलेज रॉकस्‍टार 

क्या कहते हैं कलाकार?

असमी फिल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स’ के लिए सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार जीतने वाली रीमा दास ने कहा, ‘‘यह काफी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि हम सभी राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार मिलने की उम्मीद कर रहे थे।’’

येसुदास ने कहा, ‘‘मैं इसपर टिप्पणी नहीं करना चाहता। राष्ट्रपति ने मुझे आमंत्रित किया था, इसलिए मैं यहा हूं।’’

कौशिक गांगुली ने कहा, ‘‘इसका यह अर्थ नहीं है कि हम पुरस्कारों को नामंजूर कर रहे हैं। लेकिन राष्ट्रपति को हमें पुरस्कार देना चाहिए था। यह एक खास पहलू है, जिसमें बदलाव नहीं किया जा सकता और हमें कोई सूचना नहीं दी गई थी।’’

65 सालों का है इतिहास...

गौरतलब है कि साल 1954 में शुरू हुआ नेशनल फिल्म अवार्ड्स फिल्म निर्माण के क्षेत्र में सबसे सम्मानित पुरस्कार है। इसके तहत बेस्ट फीचर फिल्म (फिक्शन व नॉन फिक्शन), निर्देशन, एक्टिंग, सिनेमैटोग्राफी, स्क्रीनप्ले और क्षेत्रीय सिनेमा के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। इस बार 13 अप्रैल को निर्देशक शेखर कपूर की अध्‍यक्षता वाली जूरी ने इन अवार्ड्स की घोषणा की थी। जूरी में स्क्रीन लेखक इम्तियाज हुसैन, गीतकार महबूब, एक्टर गौतम तडीमल्ला, निर्देशक पी, शेषाद्री, अनिरुद्ध रॉय चौधरी, रंजीत दास, राजेश मपुस्कर, त्रिपुरारी शर्मा और रूमी जेफरी जैसी हस्तियां शामिल हैं।

 

 

 

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