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लॉकडाउन के बाद कांग्रेस ने कहा- 'न्याय' के तहत गरीबों को 7,500 रुपये की मदद दी जाए

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद कांग्रेस ने इससे...
लॉकडाउन के बाद कांग्रेस ने कहा- 'न्याय' के तहत गरीबों को 7,500 रुपये की मदद दी जाए

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद कांग्रेस ने इससे उत्पन्न होने वाले रोजी-रोटी के महासंकट का मुद्दा उठाया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि कांग्रेस द्वारा सुझाई गई न्याय योजना के तहत सरकार को गरीब श्रमिकों और किसानों के बैंक खातों में 7,500 रुपये की आर्थिक सहायता तुरंत दी जाए जिससे वे लॉकडाउन की अवधि में अपने और परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था कर सकें।

गरीबों की रोजी-रोटी की चिंता नहीं की

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट करके कहा कि पीएम मोदो ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दो भाषण दिए लेकिन उन्होंने करोड़ों फैक्ट्री मजदूरों, दिहाड़ी मजदूरों, मनरेगा श्रमिकों, रेहड़ी-ठेला वालों, असंगठित क्षेत्र के अन्य कामगारों की रोजी-रोटी के संबंध में एक शब्द नहीं बोला। मोदी ने 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी लेकिन यह नहीं सोचा कि इन दिनों में ये लोग अपने परिवारों का पेट कैसे पालेंगे।

किसानों के कर्ज की रिकवरी राेकने की मांग

सुरजेवाला ने एक अन्य ट्वीट में किसानों की समस्या उठाई। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलें खेतों में तैयार खड़ी है। सरकार ने फसल की कटाई, बिक्री और किसानों को उचित मूल्य के बारे में कुछ भी नहीं सोचा। जबकि दो-तिहाई आबादी खेती पर ही निर्भर है। कांग्रेस ने कहा है कि इस संकट से किसानों को बचाने के लिए कर्जमाफी एकमात्र रास्ता है। किसानों से कर्जों की रिकवरी तुरंत बंद करनी चाहिए और उन्हें फसलों का उचित मूल्य दिलाने का पुख्ता इंतजाम करना चाहिए।

जन-धन खातों में तुरंत मदद दें

सुरजेवाला ने कहा है कि कांग्रेस ने जिस न्यूयतम आय योजना न्याय का सुझाव दिया था, उसे तुरंत लागू करने की आवश्यकता है। इस योजना में किसानों और अन्य श्रमिकों-मजदूरों के जन-धन खातों में 7,500 रुपये तुरंत जमा कराएं ताकि वे अपने परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था कर सकें।

स्वास्थ्य कर्मियों के उपकरणों की कमी क्यों

कांग्रेस ने कोरोना से लड़ने के लिए डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एन-95 मास्क और अन्य उपकरणों की कमी का भी मुद्दा उठाया है। उसने कहा है कि इस महामारी से लड़ने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के स्वास्थ्य की चिंता करना भी जरूरी है। उन्हें आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित करना बेहद जरूरी है। पार्टी ने सवाल किया है कि एन-95 मास्क, तीन प्लाई मास्क, विशेष बॉडी सूट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध क्यों नहीं हैं। देश में 7.25 लाख बॉडी सूट, 60 लाख एन-95 मास्क और एक करोड़ तीन प्लाइ मास्क की जरूरत है। जबकि सरकार ने वेंटीलेटर, ब्रीथिंग उपकरणों और हैंड सैनेटाइजर के निर्यात पर रोक 24 मार्च को ही लगाई। कांग्रेस ने कहा है कि देश कोरोना से लड़ेगा भी और उसे हराएगा भी। पूरा देश सरकार की घोषणाओं के साथ है लेकिन उसके द्वारा किए गए उपायों से निराशा हाेती है। सरकार इससे निपटने के लिए तैयर नहीं है।

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