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जीएसटी काउंसिल ने मि‍ड साइज-लग्‍जरी कारों पर बढ़ाया सेस, रोजमर्रा के 30 सामान हुए सस्ते

जीएसटी नेटवर्क में खामियों को देखते हुए काउंसिल ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा में ढिलाई देने का भी फैसला किया है। कारोबारी अब जुलाई का रिटर्न (जीएसटीआर-1) 10 अक्टूबर तक दाखिल कर सकेंगे।
जीएसटी काउंसिल ने मि‍ड साइज-लग्‍जरी कारों पर बढ़ाया सेस, रोजमर्रा के 30 सामान हुए सस्ते

वस्तु एवं सेवा कर के संबंधी में फैसले लेने वाली शीर्ष संस्था जीएसटी काउंसिल की 21वीं बैठक हैदराबाद में संपन्न हुई। जीएसटी काउंसिल की इस बैठक लग्जरी और एसयूवी वाहनों पर दो से सात फीसदी तक सेस बढ़ाने का फैसला किया गया। छोटी कारों पर लगने वाले सेस में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं दैनिक उपयोग में आने वाली 30 वस्तुओं पर जीएसटी की दर कम कर दी गई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व में हैदराबाद में जीएसटी काउंसिल की आठ घंटे तक चली बैठक में मध्यम श्रेणी (होंडा सिटी, मारुति सुजुकी) के साथ-साथ लग्जरी (बीएमडब्ल्यू, ऑडी) और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी जैसे स्कॉर्पियो) जैसे वाहनों पर दो से सात प्रतिशत अतिरिक्त सेस लगाने का फैसला लिया गया। कारों पर 28 फीसदी जीएसटी है। काउंसिल के इस फैसले के बाद मिड सेगमेंट की कारों पर अब जीएसटी व सेस मिलाकर 45 प्रतिशत, लार्ज कार पर 48 प्रतिशत और एसयूवी पर 50 प्रतिशत हो जाएगा। हालांकि छोटी और हाइब्रिड कारों को इस वृद्धि से छूट दी गई है।


इसके अलावा बैठक में धूप बत्ती, सूखी इमली, प्लास्टिक रेनकोट, रबड़ बैंड, झाड़ू, इडली, डोसा, बटर, खली, भुना चना से लेकर रसोई में काम आने वाले गैस लाइटर जैसे दैनिक उपभोग की 30 वस्तुओं पर जीएसटी दर कम करने का भी फैसला लिया गया। रबड़ बैंड पर जीएसटी दर को घटाकर 12 फीसदी किया गया है। साथ ही बिना ब्रांड वाले खाद्य पदार्थों पर जीएसटी नहीं लगेगा। ब्रांडेड खाद्य पदार्थ पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों का अपने उत्पाद के लिए 15 मई, 2017 को ट्रेडमार्क पंजीकृत था, उन्हें पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी देना होगा।

काउंसिल ने केंद्रीय खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआइसी) द्वारा बेचे जाने वाले खादी उत्पादों पर जीएसटी से रियायत दे दी है। हालांकि दूसरे दुकानदारों पर बिकने वाले खादी उत्पादों पर पूर्ववत पांच फीसद टैक्स लगेगा।

बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों ने जीएसटी नेटवर्क के पोर्टल में तकनीकी खामियों के चलते कारोबारियों को हो रही परेशानी का मुद्दा भी उठाया जिसके बाद काउंसिल ने इस मुद्दे के हल के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाने का फैसला किया। इस मंत्रिसमूह में किन-किन राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे, यह तय करने का अधिकार काउंसिल ने जेटली को सौंपा है। जेटली का कहना है कि यह मंत्रिसमूह नियमित रूप से जीएसटीएन के साथ संपर्क में रहेगा और अगले दो-तीन दिनों में समूह का गठन कर दिया जाएगा।

जीएसटी नेटवर्क में खामियों को देखते हुए काउंसिल ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा में ढिलाई देने का भी फैसला किया है। कारोबारी अब जुलाई का रिटर्न (जीएसटीआर-1) दस अक्टूबर तक दाखिल कर सकेंगे। साथ ही उन्हें कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुनने के लिए भी 30 सितंबर तक वक्त दिया गया है। इसके बाद वे 31 अक्टूबर तक जीएसटीआर-2 और 10 नवंबर तक जीएसटीआर-3 जमा कर सकेंगे। साथ ही वे जीएसटीआर-3बी के रूप में अपने टर्नओवर का ब्यौरा दिसंबर तक दे सकेंगे। फिलहाल यह सुविधा सिर्फ जुलाई और अगस्त के लिए ही थी।

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