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मास्क, सेनेटाजर आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत, जमाखोरी पर होगी कानूनी कार्रवाई

रसायन और खाद मंत्रालय के तहत आने वाले फार्मास्युटिकल्स विभाग ने मास्क, दस्ताने और हैंड सैनिटाइज़र के...
मास्क, सेनेटाजर आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत, जमाखोरी पर होगी कानूनी कार्रवाई

रसायन और खाद मंत्रालय के तहत आने वाले फार्मास्युटिकल्स विभाग ने मास्क, दस्ताने और हैंड सैनिटाइज़र के निर्माताओं और आयातकों को इन वस्तुओं की जमाखोरी, ज्यादा कीमत न वसूलने की चेतावनी दी है। केंद्र सरकार ने मास्क, सेनिटाइजर और ग्लब्स पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लगाया है। 13 मार्च को जारी आदेश में सरकार ने इन्हें जरूरी वस्तु घोषित किया है।  

नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी से कहा गया है कि वे मास्क, सेनेटाइजर की उपलब्धता और कीमत का ध्यान रखें। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को भी कहा गया है कि पैकिंग पर दर्ज एमआरपी से ज्यादा कीमत न वसूली जाए।

अगले 100 दिनों के लिए आदेश

भारत में भी कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। इसलिए मास्क और सैनिटाइजर की मांग बढ़ गई है। सरकार को लगातार इनकी अनुपलब्धता, कालाबाजारी और मनमानी कीमतें वसूले जाने की शिकायत मिल रही थीं। इसलिए सरकार ने इन वस्तुओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत डाल दिया है। यह नियम अगले 100 दिनों के लिए आवश्यक वस्तु के रूप में घोषित हो चुके हैं, ताकि वायरस से लोग मुकाबला कर सकें।

मनमानी पर होगी कानूनी कार्रवाई

फार्मास्यूटिकल डिपार्टमेंट का कहना है, “बहुत कम निर्माताओं और आयातकों ने निर्धारित प्रारूप में हैंड सैनिटाइजर, सर्जिकल दस्ताने और मास्क से संबंधित अपेक्षित जानकारी प्रस्तुत की है। इसलिए सभी संबंधित कंपनियों को सूचित किया जाता है कि जारी किए गए आदेशों का पालन न करने पर डीपीसीओ, 2013 और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1995 के दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिससे चूक करने वाली कंपनियों को जब्त करने के साथ कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।”

केंद्र ने निर्माताओं से 24 घंटे के भीतर सही विवरण देने के लिए कहा है। जानकारी देने की अंतिम अवधि 18 मार्च शाम 6 बजे तक है। इसके बाद राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) उचित कार्रवाई कर सकता है।

सरकार ने एक एडवाइजरी भी जारी की है जिसके अंतर्गत आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत राज्य, निर्माताओं के साथ विचार-विमर्श कर उनसे इन वस्तुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ाने, आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू बनाने के लिए कह सकते हैं।

पूरा विश्व चपेट में

भारत में अब तक कोविड19 के लगभग 147 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। जिनमें से 14 ठीक हो कर घर जा चुके हैं। जबकि वायरस की वजह से तीन मौतें हो चुकी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित किया है। विश्व स्तर पर, 167,511 से अधिक लोगों में वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। कोरोनावायरस की वजह से 152 देशों में करीब 6,606 मौतें हुई हैं।

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