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चुनावी रिंग में उतरे बॉक्सर विजेंदर सिंह, जानिए इनके बारे में....

कांग्रेस ने देर रात दिल्ली की आखिरी सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने दक्षिण दिल्ली...
चुनावी रिंग में उतरे बॉक्सर विजेंदर सिंह, जानिए इनके बारे में....

कांग्रेस ने देर रात दिल्ली की आखिरी सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने दक्षिण दिल्ली से ओलंपियन बॉक्सर विजेंदर सिंह को मैदान में उतारा है। विजेंदर सिंह का मुकाबला बीजेपी के रमेश बिधूड़ी और आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा से होगा। विजेंदर सिंह सोमवार को ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

राहुल गांधी का किया आभार प्रकट

अपनी उम्मीदवारी घोषित होने के बाद विजेंदर ने ट्वीट कर कहा कि 20 वर्षों से अधिक के अपने मुक्केबाजी के करिअर में मैंने रिंग में रहते हुए अपने देश को सदा गौरवान्वित किया है। अब समय आ गया है कि मैं अपने देशवासियों के लिए कुछ करूं और उनकी सेवा करूं। उन्होंने कहा कि मैं इस अवसर को स्वीकार करता हूं और इस जिम्मेदारी के लिए कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी का आभार प्रकट करता हूं।

हरियाणा के एक छोटे गांव में जन्मे

विजेंदर सिंह का जन्म हरियाणा के भिवानी जिले के कालूवास गांव में हुआ। उनकी प्राथमिक शिक्षा उनके गाँव में ही हुई, जिसके बाद उन्होंने भिवानी के एक स्थानीय कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। विजेंद्र सिंह ने 17 मई 2011 को अर्चना सिंह से शादी की, दंपति का एक बच्चा अबीर सिंह है। उन्होंने भिवानी बॉक्सिंग क्लब में मुक्केबाजी का अभ्यास किया, जहां कोच जगदीश सिंह ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें मुक्केबाजी करने के लिए प्रोत्साहित किया। भारतीय मुक्केबाजी कोच जगदीश सिंह ने फिर उन्हे अपनी देख रेख में प्रशिक्षित भी किया।

ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज

राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक जीतने के बाद, विजेंदर को 2004 के एथेंस ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और 2006 के राष्ट्रमंडल खेलों जैसे कई अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रशिक्षित करने और प्रतिस्पर्धा करने के लिए चुना गया था। दोहा में 2006 के एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक जीता। 2008 के बीजिंग ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में, उन्होंने क्वार्टर फ़ाइनल में इक्वाडोर के कार्लोस गिंगोरा को 9–4 से हराया, जिसने उन्हें कांस्य पदक दिलाया, जो भारतीय मुक्केबाज का पहला ओलंपिक पदक था।

मिल चुका है राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार

इस जीत के बाद विजेंदर को कई पुरस्कार दिए गए, जिनमें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जो भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है और चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री भी शामिल है। 2009 में उन्होंने विश्व एमेच्योर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लिया जहां उन्होंने कांस्य पदक जीता था। उसी वर्ष इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) ने विजेंदर को अपनी वार्षिक मिडिलवेट श्रेणी की सूची में शीर्ष क्रम के मुक्केबाज के रूप में घोषित किया। विजेंदर ने लंदन 2012 ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया था।

पेशेवर मुक्केबाज करिअर में शानदार रहा प्रदर्शन

29 जून 2015 को विजेंदर सिंह ने अपने एमेच्योर करिअर को छोड़ कर पेशेवर मुक्केबाज बन गए। उन्होंने आईओएस स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट के माध्यम से क्वींसबेरी प्रमोशन के साथ एक बहु-वर्षीय समझौते किया। इसने उन्हें 2016 के ओलंपिक से बाहर कर दिया क्योंकि वह अब एक एमेच्योर नहीं रहे थे। अपने पेशेवर मुक्केबाजी करिअर में उन्होने अब तक 10 मुकाबले खेलें हैं और सबमें जीत हासिल की है। इनमें सात नोकआउट और तीन निर्णय से जीते हैं।

ड्रग विवाद

6 मार्च 2012 को चंडीगढ़ के पास एक एनआरआई निवास पर छापे के दौरान, पंजाब पुलिस ने 26 किलोग्राम हेरोइन और अन्य ड्रग्स जब्त किए, जिनकी कीमत ₹ 1.3 बिलियन (यूएस $ 18 मिलियन) थी। उन्होंने कथित ड्रग डीलर अनूप सिंह काहलों के घर के बाहर से विजेंदर की पत्नी के नाम पर पंजीकृत एक कार भी बरामद की। बाद में मार्च में पंजाब पुलिस के एक बयान में कहा गया कि अब तक की जांच के अनुसार, विजेंदर सिंह ने लगभग 12 बार और राम सिंह (उनके साथी) ने लगभग पांच बार दवा का सेवन किया है।

हालांकि सिंह ने आरोपों से इनकार किया और परीक्षण के लिए अपने बाल रक्त के नमूने देने से इनकार कर दिया। नाड़ा (नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी) ने विजेंदर का परीक्षण करने से इनकार कर दिया। उन्होने बताया कि उनके प्रोटोकॉल के अनुसार जब वे प्रतियोगिता से बाहर हैं तो उन्हे उस दवा के लिए किसी एथलीट का परीक्षण करने की अनुमति नहीं है। हालाँकि 3 अप्रैल को भारत के खेल मंत्रालय ने नाड़ा को निर्देश दिया कि वे बॉक्सर पर एक परीक्षण करें, क्योंकि ये रिपोर्ट परेशान करने वाली थी और देश के अन्य खिलाड़ियों पर दुर्बल प्रभाव भी डाल सकती है। मई 2013 के मध्य तक, ओलंपिक कांस्य-पदक विजेता को नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी द्वारा "आल क्लीन" प्रमाण पत्र दिया गया था।

बॉलीवुड में भी आजमा चुके हैं हाथ

विजेंदर ने 13 जून 2014 को रिलीज़ हुई फिल्म फुगली में एक अभिनेता के रूप में अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था। यह फिल्म अक्षय कुमार और अश्विनी यार्डी द्वारा निर्मित है। फिल्म को औसत समीक्षा ही मिली।

ऐसे में सवाल है कि अपने पेशेवर मुक्केबाजी करिअर में दस की दसों फाइट जीतने वाले विजेंद्र क्या इस नई रिंग में भी जीत का अभियान जारी रख पाऐंगे।

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