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एक्जिट पोल में "मोदी की वापसी" और एक दिन में अनिल अंबानी ग्रुप की बढ़ गई 899 करोड़ दौलत

एक्जिट पोल में मोदी सरकार की वापसी के संकेत मिलने के बाद शेयर बाजारों में तेजी आने के साथ ही अनिल...
एक्जिट पोल में

एक्जिट पोल में मोदी सरकार की वापसी के संकेत मिलने के बाद शेयर बाजारों में तेजी आने के साथ ही अनिल अंबानी के रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की कंपनियों में भी जान आ गई। सोमवार को अनिल अंबानी  की चार कंपनियों के मार्केट कैप में 899 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो गई। 

18 फीसदी तक उछले अंबानी की कंपनियों के शेयर
अनिल अंबानी के समूह की कंपनी रिलायंस पावर का शेयर 17.76 फीसदी के साथ 7.03 रुपये पर पहुंच गया। इसके शेयर में 1.06 रुपये की बढ़त होने से इसका बाजार पूंजीकरण 289 करोड़ रुपये बढ़कर 1918 करोड़ रुपये हो गई। उनके समूह की दूसरी सूचीबद्ध कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस का शेयर 1.48 फीसदी की तेजी के साथ 2.06 रुपये पर पहुंच गया। इसमें वैसे तो महज तीन पैसे की बढ़त हुई लेकिन इसका बाजार पूंजीकरण भी आठ करोड़ रुपये बढ़कर 570 करोड़ रुपये हो गया।
उनके समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल का शेयर आठ फीसदी बढ़कर 124.15 रुपये पर पहुंच गया। इसके शेयर में 9.20 रुपये की तेजी आने से इसका बाजार पूंजीकरण 232 करोड़ रुपये बढ़कर 3137 करोड़ रुपये हो गया। समूह की एक अन्य कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का शेयर भी 12.52 फीसदी की तेजी के साथ 121.35 रुपये पर पहुंच गया। इसका बाजार पूंजीकरण 370 करोड़ रुपये बढ़कर 3191 करोड़ रुपये हो गया।

समूचे शेयर बाजार में जोरदार उफान
वैसे तो समूचे शेयर बाजार में एक्जिट पोल के संकेतों के बाद जोरदार तेजी दर्ज की गई। मुंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक 1422 अंक की तेजी के साथ 39,353 अंकों पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 421 की छलांग के साथ 11.828 अंक पर पहुंच गया। इस लिहाज से अधिकांश शेयरों में तेजी दर्ज की गई। लेकिन अनिल अंबानी के समूह की कंपनियों में 18 फीसदी तक की तेजी उल्लेखनीय रही।

राफेल मामले में निशाने पर रहे अनिल अंबानी
इस बार के लोकसभा चुनाव में अनिल अंबानी विपक्षी दलों के निशाने पर रहे। राफेल मामले में मोदी सरकार पर निशाना साधने के साथ ही अनिल अंबानी पर भी सवाल दागे गए। कांग्रेस अध्यक्ष ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस सत्ता में आई राफेल मामले की जांच की जाएगी। लेकिन एक्जिट पोल से मोदी सरकार के सत्ता में बने रहने के संकेतों से अनिल अंबानी के समूह पर कोई आंच आने की संभावना खत्म हो गई। इसी वजह से उनके समूह की कंपनियों में जोरदार तेजी दर्ज की गई।

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