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जेल मैनुअल के उल्‍लंघन को लेकर फिर विवादों में घिरे लालू यादव, 'दरबार' लगाते हुए तस्वीर हुई वायरल

पशुपालन घोटाला में सजायाफ्ता राजेंद्र मेडिकल रिसर्च इंस्‍टीच्‍यूट (रिम्‍स) के   पेइंग वार्ड में...
जेल मैनुअल के उल्‍लंघन को लेकर फिर विवादों में घिरे लालू यादव, 'दरबार' लगाते हुए तस्वीर हुई वायरल

पशुपालन घोटाला में सजायाफ्ता राजेंद्र मेडिकल रिसर्च इंस्‍टीच्‍यूट (रिम्‍स) के   पेइंग वार्ड में भर्ती राजद अध्‍यक्ष लालू प्रसाद के झारखंड के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता से मुलाकात की तस्‍वीर सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद राजनीति तेज हो गई है । जेल मैनुअल के उल्‍लंघन को लेकर वे फिर विवादों में घिर गये हैं । वायरल तस्‍वीर में राजद के पुराने साथी वर्तमान में कांग्रेस प्रवक्‍ता शमशेर आलम  हैं व लालू प्रसाद मोबाइल से किसी से बात करते दिख रहे हैं । तस्‍वीर में लालू सहित किसी के चेहरे पर मास्‍क नहीं है,  सोशल डिस्‍टेंसिंग का भी ठीक से ध्‍यान नहीं रखा गया है।
 
तस्‍वीर के सामने आने के बाद भाजपा के प्रदेश प्रवक्‍ता प्रतुल शाहदेव ने ट्वीट और फेसबुक पर पोस्‍ट  भी किया है। उन्‍होंने कहा कि लालू प्रसाद लगातार जेल मैनुअल का उल्‍लंघन कर रहे हैं । जनता दरबार भी लगाते हैं । बहरहाल वायरल तस्‍वीर पर राज्‍य का कोई अधिकारी बोलने से परहेज कर रहा है । लालू प्रसाद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के कैदी हैं और रिम्‍स में इलाजरत हैं । बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक अशोक चौधरी ने  कहा कि मैं क्‍या कहूं, मैं यहां हूं, वहां के प्रभारी से पूछिए । बन्‍ना गुप्‍ता भी रिम्‍स में ही भर्ती थे । उनके हार्निया का ऑपरेशन हुआ है। वे सोमवार को चिकित्‍सा लाभ के बाद रिम्‍स से निकल भी गए । बन्‍ना गुप्‍ता की दलील है कि चिकित्‍सकों ने ऑपरेशन के बाद टहलने का परामर्श दिया था । और उनका व लालू प्रसाद का कक्ष आस पास ही है । टहलने के क्रम में लालू प्रसाद दिख गये तो कुशल क्षेम पूछ लिया । बहरहाल लालू प्रसाद द्वारा मोबाइल से बात करने के मामले में कोई कुछ बोलना नहीं चाहता । इसके पूर्व फरवरी महीने में भी बिना जेल प्रशासन की अनुमति के बन्‍ना गुप्‍ता, लालू प्रसाद से मिले थे । तब उन्‍होंने सफाई दी थी कि वे स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के नाते रिम्‍स के निरीक्षण में निकले थे, लालू प्रसाद से मिलने नहीं । निरीक्षण के दौरान किसी से भी मिल सकते हैं, प्रसाद से भेंट हो गई तो हालचाल पूछ लिया ।
 
जब प्रदेश में भाजपा का शासन था तो मुलाकातियों पर सख्‍ती थी । सिर्फ शनिवार को तीन लोगों को लालू प्रसाद से मिलने की अनुमति थी, वह भी जेल अधीक्षक से अनुमति के बाद । इसके अतिरिक्‍त विशेष परिस्थिति में ही अनुमति लेकर उनसे कोई मिल सकता था । सत्‍ता बदलने के बाद माहौल भी बदला । इसके पहले भी बिना अनुमति लालू प्रसाद से मुलाकात को लेकर खबरें आती रही हैं । जुलाई के पहले सप्‍ताह में भी बिहार में राजद के नवनिर्वाचित एमएलसी सुनील सिंह और परसा के पूर्व विधायक छोटे लाल राय की मुलाकात को ले जेल मैनुअल के उल्‍लंघन  पर खबरें छायी रहीं । कोरोना के बीच लालू प्रसाद को जेल से बाहर निकालने को लेकर बीच में चर्चाओं का दौर गरम था । हेमंत कैबिनेट की बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी मगर बात नहीं बनी । जब कोरोना के संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है, लालू प्रसाद की उम्र और बीमारियों को देखते यह लापरवाही खुद उनके लिए ठीक नहीं है । वे लंबे समय से शुगर और दिल के मरीज हैं, किडनी भी ठीक से काम नहीं करता । वे दिसंबर 2017 से ही जेल में भर्ती हैं मगर ज्‍यादा समय रिम्‍स में ही गुजरा है ।

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