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डिजिटल सितारे: छोटी स्क्रीन, बड़े स्टार

पारंपरिक रूप में हमारे यहां बनने वाली ज्यादातर फिल्मों में हीरो और हीरोइन के किरदार 'लार्जर दैन लाइफ'...
डिजिटल सितारे: छोटी स्क्रीन, बड़े स्टार

पारंपरिक रूप में हमारे यहां बनने वाली ज्यादातर फिल्मों में हीरो और हीरोइन के किरदार 'लार्जर दैन लाइफ' होते हैं। इन फिल्मों को देखने का असली मजा सिनेमा हॉल के बड़े परदे पर ही आता है। कुछ वर्षों पहले शुरू हुई डिजिटल एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के चलते अब वह बड़ा परदा सिमटकर हमारी मोबाइल स्क्रीन में आ गया है, जो छोटी-सी होती है और जिसमें असली जिंदगी के करीब नजर आते किरदारों की कहानियां होती हैं। पहले ऐसे किरदार फिल्मों में हीरो के पीछे खड़े रहते थे और दर्शकों का ध्यान उन पर जाता ही नहीं था। अब इन किरदारों को डिजिटल एंटरटेनमेंट की दुनिया नए सिरे से परिभाषित कर रही है। इन किरदारों को नया चेहरा देने वाले एक्टर भी इंडस्ट्री में तेजी से जगह बना रहे हैं। वे न सिर्फ छोटी स्क्रीन के बड़े स्टार बनते जा रहे हैं बल्कि मनोरंजन की दुनिया में नएपन का पर्याय भी। कुछ पर एक नजरः

शोभिता धुलिपला

हाल ही में अमेजन प्राइम के शो मेड इन हेवन में मुख्य भूमिका निभाकर चर्चा में आई शोभिता धुलिपला विशाखापत्तनम की रहने वाली हैं। वे कहती हैं, “मैं स्कूल के दिनों में बेहद पढ़ाकू किस्म की थी और बड़ी होकर इकोनॉमिस्ट बनना चाहती थी।” फिर 2013 में उन्होंने मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और मिस इंडिया अर्थ का खिताब जीत लिया। वे बताती हैं, “मिस इंडिया की कामयाबी से मुझे आत्मविश्वास मिला और मैंने तय किया कि मैं फिल्मों में किस्मत आजमाऊंगी। दो साल मैं प्रोड्यूसरों और कास्टिंग डायरेक्टरों के ऑफिस के चक्कर काटती रही। आखिरकार अनुराग कश्यप ने मुझे अपनी फिल्म रमन राघव 2.0 के लिए साइन कर लिया।” इसके बाद शोभिता ने सैफ अली खान के साथ शेफ और कालाकांडी जैसी फिल्में कीं, ये दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा सकीं। उन्होंने दक्षिण का रुख किया और तेलुगु फिल्म गोदाचारी में मुख्य भूमिका निभाई, जो हिट रही। शोभिता बताती हैं, “जब मेरी शुरुआती फिल्में नहीं चलीं, तो मैंने निराश होने के बजाय यही सोचा कि चलो कम से कम फिल्मों में काम करने का अनुभव तो मिला।” जोया अख्तर के शो मेड इन हेवन ने अचानक उनकी किस्मत बदल दी। वे कहती हैं, “मेड इन हेवन के कारण मुझे दर्शकों और अपने आसपास के लोगों से जितनी तारीफें मिल रही हैं, उतनी पहले कभी नहीं मिलीं। अब लोग मुझे पहचानने लगे हैं। उम्मीद करती हूं, आगे भी ऐसे मौके मिलते रहें।” वेब सीरीज में काम करने का अनुभव फिल्मों से कितना अलग रहा, इस पर शोभिता कहती हैं, “डिजिटल प्लेटफॉर्म में न्यू कमर होने के बावजूद आप खुद को हाशिए पर नहीं पाते। आपको अपने साथ काम कर रहे स्टार के बराबर मौका मिल रहा होता है। फिल्मों में हालात उल्टे होते हैं। अवॉर्ड फंक्शंस में आप अलग-थलग महसूस करते हैं, क्योंकि आप स्टार्स ग्रुप का हिस्सा नहीं होते। थिएटर में रिलीज होने वाली फिल्मों का एक पहलू ये भी है, कि वहां एक्टर के तौर पर आपकी हैसियत इससे तय होती है कि आपकी फिल्म ने कितने पैसे कमाए। लोग भूल जाते हैं कि एक्टर का काम प्रोड्यूसर को पैसे कमाकर देना नहीं, बल्कि पूरी ईमानदारी से एक्टिंग करना होता है।”

शोभिता नेटफ्लिक्स के आने वाले शो बार्ड ऑफ ब्लड में इमरान हाशमी के साथ मुख्य भूमिका निभा रही हैं। इसे शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट प्रोड्यूस कर रही है।

अर्जुन माथुर 

एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में पिछले पंद्रह साल से सक्रिय अर्जुन माथुर के लिए स्टारडम का रास्ता लंबा रहा। उन्होंने अपने करिअर की शुरुआत बंटी और बबली, रंग दे बसंती और मंगल पांडे जैसी फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की। इसके बाद उन्होंने लक बाई चांस, माइ नेम इज खान और आई एम जैसी कई फिल्मों में सहायक भूमिकाएं निभाईं। हाल ही में रिलीज अमेजन प्राइम के शो मेड इन हेवन में मुख्य भूमिका निभाकर वे अचानक चर्चा में आ गए। वे कहते हैं, “मैं मेड इन हेवन को मिल रही तारीफों से अभिभूत हूं। मुझे शुरू से उम्मीद थी कि शो लोगों को पसंद आएगा, पर इतनी सफलता की उम्मीद नहीं थी।” मेड इन हेवन में अर्जुन ने करन मेहरा नाम के समलैंगिक का किरदार संवेदनशीलता से निभाया है। वे कहते हैं, “समलैंगिक किरदार निभाना अन्य किरदार निभाने से अलग नहीं है। समलैंगिक भी हमारे-आपके जैसे लोग ही होते हैं। इस शो की स्क्रिप्ट इतनी बढ़िया थी और शो की चारों डायरेक्टर जोया अख्तर, रीमा कागती, नित्या मेहरा और अलंकृता श्रीवास्तव ने मुझे जिस तरह गाइड किया, उससे मेरा काम और आसान हो गया।”

एक्टर बनने का ख्याल कैसे आया, इस पर वे कहते हैं, “देश के करोड़ों लोगों की तरह मैं भी हिंदी फिल्में देखते हुए बड़ा हुआ। बचपन में मुझे अमिताभ बच्चन और अनिल कपूर बहुत पसंद थे और मैं उनकी कोई भी फिल्म देखने का मौका हाथ से जाने नहीं देता था।  मेरे पिता जब काम के सिलसिले में पूरे परिवार को लेकर मुंबई आ गए तब एक बार मैं अपने परिवार के साथ सुभाष घई की सौदागर की शूटिंग देखने गया था। उसी दिन से मेरा सपना था एक्टर बनूं।”

अर्जुन ने हाल ही में इरोज नाउ के नए शो फ्लिप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके पहले वे ब्रिंग ऑन द नाइट्स और इंडियन समर्स जैसी वेब सीरीज में काम कर चुके हैं। शुरुआती दौर के बारे में वे कहते हैं, “लक बाई चांस में फरहान अख्तर के दोस्त का किरदार निभाने के बाद ज्यादातर लोग मुझे ऐसे रोल ऑफर करते थे। मैं टाइपकास्ट न हो जाऊं, इसलिए मैंने ऐसे रोल स्वीकार करने से ही तौबा कर ली।” काबिल एक्टर होने के बाद भी स्टारडम हासिल करने में उन्हें इतना लंबा वक्त क्यों लगा? वे कहते हैं, “बॉलीवुड के कुछ अनकहे नियम हैं। पूरी इंडस्ट्री कुछ खास लोग चला रहे हैं। मेरे जैसे आउटसाइडर को यहां कोई भी करोड़ों की फिल्म बना के लॉन्च नहीं करेगा। मेरे पास यही विकल्प बचता है कि काम ईमानदारी से करूं, कोशिश करता रहूं और अपना हौसला बनाकर रखूं।”

सुमित व्यास 

 

डिजिटल एंटरटेनमेंट की दुनिया के पहले स्टार कहे जाने वाले सुमित व्यास ने यूं तो कई फिल्मों, शॉर्ट फिल्मों और वेब सीरीज में काम किया है, पर उन्हें असली पहचान तब मिली, जब उन्होंने 2014 में द वायरल फीवर (टीवीएफ) की वेब सीरीज परमानेंट रूममेट्स में मिकेश चौधरी का किरदार निभाया, जो अपनी लॉन्ग-डिस्टेंस गर्लफ्रेंड के साथ शादी करने को उतावला है और वह अमेरिका से इंडिया उसे प्रपोज करने चला आता है। अपनी कॉमेडी से हर किसी का दिल जीतने वाले सुमित इसके बाद ट्रिपलिंग, बैंग बाजा बारात और स्टोरीज बाय रवींद्रनाथ टैगोर जैसी कई वेब सीरीज में नजर आए।

जोधपुर में पैदा हुए सुमित चार साल की उम्र में अपने पिता के साथ मुंबई आ गए थे और कॉलेज के दौरान ही उन्होंने थिएटर करना शुरू कर दिया था। हालांकि थिएटर की शुरुआत का किस्सा भी बड़ा रोचक और दिलचस्प है। वे नए थे, इसलिए थिएटर में रोल मिलना आसान नहीं था। सुमित बताते हैं, “मैं थिएटर में बैकस्टेज पर काम करता था। वहां कई सीनियर एक्टर थे, जो थिएटर के साथ फिल्मों और टीवी सीरियलों में भी काम करते थे। इसलिए उनके पास अपने सह कलाकारों के साथ रिहर्सल के लिए ज्यादा समय नहीं होता था। जिस दिन वे रिहर्सल के लिए नहीं आ पाते थे, उस दिन मैं उनके सारे सीन और डायलॉग याद कर लेता और उनकी जगह रिहर्सल के लिए आ जाता, ताकि बाकी सह कलाकारों को रिहर्सल करने में परेशानी न हो। इसलिए थिएटर में लोग मुझे मजाक में ‘प्रॉक्सी कुमार’ बुलाने लगे थे। रिहर्सल में मेरा काम कई लोगों को पसंद आता था और इसी वजह से धीरे-धीरे मुझे नाटकों में अभिनय करने का मौका मिलने लगा।”

डिजिटल एंटरटेनमेंट के शुरुआती दौर से सक्रिय सुमित इस क्षेत्र में आए बदलावों पर कहते हैं, “तब से अब तक आए सारे बदलाव सकारात्मक ही रहे हैं। हालांकि उस समय कोई इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं था कि आगे जाकर डिजिटल एंटरटेनमेंट की ये दुनिया क्या रूप लेगी। अब बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म आने के बाद न सिर्फ बजट और बड़े स्टार आ रहे हैं, बल्कि कंटेंट के साथ नए-नए प्रयोग भी हो रहे हैं। जैसे, आजकल जब भी मैं कोई नई स्क्रिप्ट पढ़ता हूं, तो उनमें अक्सर ऐसी कहानियां होती हैं, जैसी पहले कभी देखी-सुनी नहीं गईं। उनमें इतना नयापन होता है, जो हमारे दर्शकों ने पहले कभी अनुभव नहीं किया होता है। यह मनोरंजन उद्योग के भविष्य के लिए वाकई बहुत अच्छा संकेत है।”

एक्टिंग के साथ-साथ सुमित एक राइटर भी हैं। उन्होंने टीवीएफ के ट्रिपलिंग और बैंग बाजा बारात जैसी वेब सीरीज में न सिर्फ एक्टिंग की है, बल्कि उनकी स्क्रिप्ट भी लिखी है। इसके अलावा उन्होंने पिछले साल नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई विकी कौशल स्टारर फिल्म लव पर स्क्वायर फुट के डायलॉग भी लिखे हैं। इस बारे में वे कहते हैं, “एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब प्रोड्यूसर स्क्रिप्ट की रिचर्स में भी निवेश करने को तैयार हो रहे हैं। अब तो राइटर्स को स्क्रिप्ट डेवलपमेंट फंड देने का चलन भी धीरे-धीरे शुरू हो रहा है और इस तरह की चीजों को गंभीरता से लिया जा रहा है। वरना पहले तो सिर्फ बड़े और मशहूर स्क्रिप्ट राइटर्स के मामले में ही यह संभव था और अपेक्षाकृत कम मशहूर या नए राइटर्स को फिल्म की स्क्रिप्ट लिखकर देने के बाद भी अपनी फीस के लिए प्रोड्यूसर के चक्कर काटने पड़ते थे।”

फिलहाल सुमित एकता कपूर के डिजिटल प्लेटफॉर्म अल्ट बालाजी की वेब सीरीज वर्डिक्ट में मशहूर वकील राम जेठमलानी का किरदार निभा रहे हैं। टीवीएफ का ट्रिपलिंग इतना पसंद किया गया कि इसके दूसरे सीजन की तैयारी है। इसके अलावा वे रस्किन बॉन्ड की कहानियों पर आधारित जी-5 की वेब सीरीज परछाई में भी नजर आएंगे।

मानवी गागरू 

 

दिल्ली में पैदा हुई मानवी गागरू को एक्टर के तौर पर पहचान तब मिली, जब उन्होंने 2015 में टीवीएफ की पिचर्स वेब सीरीज में श्रेया नाम की इंडिपेंडेंट लड़की का किरदार निभाया। हालांकि इसके पहले वे रानी मुखर्जी की नो वन किल्ड जेसिका और आमिर खान की पीके जैसी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल निभा चुकी थीं और कुछ शॉर्ट फिल्में भी कर चुकी थीं। पर उनसे उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ। टीवीएफ पिचर्स के बाद 2016 में एक अन्य वेब सीरीज टीवीएफ ट्रिपलिंग में चंचल शर्मा नाम का मुख्य किरदार निभाकर वे डिजिटल एंटरटेनमेंट की दुनिया में एक जाना-माना नाम बन गईं। हाल ही में उन्होंने अमेजन प्राइम के शो फोर मोर शॉट्स प्लीज में मुख्य भूमिका निभाई है। इसके अलावा वे अमेजन के ही मेड इन हेवन में भी नजर आ चुकी हैं।

अपने करिअर के शुरुआती दौर के बारे में वे कहती हैं, “पहले मैं कोई भी प्रोजेक्ट साइन करते समय बहुत सोचती थी और इसके चक्कर में मैंने अपना काफी कीमती समय बर्बाद कर दिया। पर फिर एक दिन मैंने तय किया कि मेरे पास जो भी ऑफर आते हैं, मैं उनमें से सबसे अच्छा ऑफर स्वीकार करूंगी और ज्यादा सोचूंगी नहीं। इसके बाद ही मेरे करिअर में सकारात्मक बदलाव आना शुरू हुआ। फिर मुझे टीवीएफ पिचर्स करने का मौका मिला, जिसके बाद लोग मुझे एक एक्टर के तौर पर गंभीरता से लेने लगे।”

एक्टर बनने का ख्याल कैसे आया, इस बारे में मानवी का कहना है, “मेरा मानना है कि हर कदम पर आपको कम से कम यह लगना चाहिए कि आप जो काम करने जा रहे हैं, उसमें आपको मजा आए। वरना उसे करने का कोई मतलब नहीं है। पढ़ाई के मामले में साइकोलॉजी में डिग्री लेने और करिअर के तौर पर एक्टिंग का चुनाव करते समय मैंने भी यही किया।”

मिथिला पालकर 

 

पारंपरिक मराठी परिवार से ताल्लुक रखने वाली मिथिला पालकर को सबसे बड़ी कामयाबी तब मिली, जब यू ट्यूब पर रिलीज हुए उनके शो लिटिल थिंग्स को दूसरे सीजन के लिए नेटफ्लिक्स ने ले लिया। आज वे डिजिटल एंटरटेनमेंट का एक जाना-माना नाम हैं। उन्हें बचपन से ही आर्ट्स और मीडिया में खासी दिलचस्पी थी। इसलिए उन्होंने मुंबई से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की और कॉलेज के बाद 2013 में करीब एक साल तक थिएटर कंपनी में काम किया। इसी दौरान उन्हें निखिल आडवानी की फिल्म कट्टी-बट्टी में छोटा सा रोल मिल गया। हालांकि फिल्म नहीं चली पर मिथिला को कुछ एड फिल्में जरूर मिल गईं। 2016 में एक दिन उन्होंने अमेरिकी गायिका एना केन्ड्रिक के गाने ‘द कप सॉन्ग’ से प्रेरित होकर उन्हीं की शैली में एक मराठी लोकगीत गाया।  मोबाइल से बने इस वीडियो के यू ट्यूब पर अपलोड होते ही यह वीडियो वायरल हो गया और वे हिट हो गईं। इस वीडियो को अब तक करीब 40 लाख लोग देख चुके हैं। अचानक मिली इस कामयाबी से उन्हें डिजिटल एंटरटेनमेंट में संभावनाएं नजर आईं और फिर उन्होंने गर्ल इन द सिटी और लिटिल थिंग्स जैसी वेब सीरीज में मुख्य भूमिकाएं निभाईं।

अपने अनुभव के बारे में मिथिला कहती हैं, “एक एक्टर के तौर पर डिजिटल प्लेटफॉर्म में काम करने का सबसे बड़ा सुकून यह है कि यहां आपको इस बात की फिक्र नहीं करनी पड़ती कि आपकी फिल्म या वेब सीरीज ने कितनी कमाई की या उसे कितनी टीआरपी मिली। आपने अपनी भूमिका निभा दी, आपका काम खत्म। इसके बाद कोई तनाव नहीं। मेरे शो लिटिल थिंग्स का दूसरा सीजन नेटफ्लिक्स पर आने के बाद किसी को नहीं पता, उसे कितने लोगों ने देखा। इसलिए फिलहाल लोग सिर्फ उसकी क्वालिटी की बात कर रहे हैं, न कि इस बारे में कि उसने कितने पैसे कमाए या उसे कितने हिट्स मिले।”

कुछ और भी चेहरे

रसिका दुग्गल

इनके अलावा और भी कई एक्टर हैं, जो अलग-अलग किस्म के वेब कंटेंट में काम कर अपनी पहचान बना रहे हैं, जैसे नेटफ्लिक्स के शो दिल्ली क्राइम और सेलेक्शन डे में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने वाले राजेश तैलंग, टीवीएफ पिचर्स से मशहूर हुए नवीन कस्तूरिया, बीवी की वाइंस नामक यू ट्यूब चैनल पर अपने कॉमेडी वीडियो रिलीज करने वाले भुवन बम, अमेजन के शो मिर्जापुर और नेटफ्लिक्स के दिल्ली क्राइम में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने वाली रसिका दुग्गल, टीवीएफ के स्किट वीडियोज के स्टार जीतेन्द्र कुमार उर्फ जीतू और मिर्जापुर से एक बार फिर सुर्खियों में आने वाले दिव्येंदु शर्मा, जो 2011 में प्यार का पंचनामा फिल्म में लिक्विड का किरदार निभाकर पहली बार चर्चा में आए थे।

भुवन बम

शोहरत के साथ-साथ क्या वेब सीरीज में काम करने वाले एक्टर्स की कमाई पर प्रोड्यूसर समीर श्रीवास्तव कहते हैं, “किस एक्टर को कितना पैसा मिलता है, ये बात कई फैक्टर्स पर डिपेंड करती है, पर आमतौर पर मुख्य किरदार निभाने वाले एक्टर्स एक दिन की शूटिंग का पचास हजार से लेकर पांच लाख रुपये तक लेते हैं, जबकि सहायक भूमिकाओं वाले एक्टर्स को इससे कम फीस मिलती है।” ढेरों नए प्रयोगों को जगह देने वाली डिजिटल एंटरटेनमेंट की दुनिया में आज असीमित संभावनाएं हैं। पांच मिनट के वीडियो से लेकर एक घंटे के एपिसोड तक। यही कारण है, कि यहां नए एक्टर्स को खूब अवसर मिल रहे हैं और उनके काम में इतना ताजापन है, कि दर्शक भी उन्हें हाथों-हाथ ले रहे हैं।

जीतेंद्र कुमार

काम से मतलब कमाई से नहीं

इसमें कोई दो राय नहीं कि डिजिटल एंटरटेनमेंट की दुनिया में एक्टर्स पर ये दबाव कम हो गया है। क्योंकि कम से कम नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे दो सबसे बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म ऐसा कोई डाटा सार्वजनिक नहीं करते, जिससे पता चल सके कि उनके किसी शो को कुल कितने दर्शकों ने देखा। हालांकि इसका एक नकारात्मक पहलू यह भी है कि इसके कारण हर डिजिटल प्लेटफॉर्म यह दावा करता है, कि उसका शो बहुत पसंद किया जा रहा है और उसे देखने वाले दर्शकों की संख्या बहुत बड़ी है।

 

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