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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बोले अभिषेक मनु सिंघवी- ये ऐतिहासिक फैसला

कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर मचे राजनीतिक घमासान पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई।...
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बोले अभिषेक मनु सिंघवी- ये ऐतिहासिक फैसला

कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर मचे राजनीतिक घमासान पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। भाजपा और कांग्रेस की सभी दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल का आदेश पलट दिया। शीर्ष कोर्ट ने आदेश दिया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को शनिवार शाम चार बजे तक बहुमत सिद्ध करना होगा। जबकि राज्यपाल ने येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया था।

सुनवाई के दौरान भाजपा की ओर से मुकुल रोहतगी वकील थे जबकि कांग्रेस का पक्ष वकील और पार्टी के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा। सुनवाई के बाद कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया। उन्होंने कोर्ट के बाहर संवाददाताओं से कहा, "यह एक ऐतिहासिक अंतरिम आदेश है क्योंकि अदालत ने 36 घंटे से भी कम समय में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश दिया है।"

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अदालत के फैसले के अनुसार, बहुमत का फैसला होने तक येदियुरप्पा कोई नीतिगत फैसला नहीं लेंगे। कर्नाटक के नाटक को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाने वाले अधिवक्ता व कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस का मंतव्य नहीं सधा, लेकिन कोर्ट की तत्परता ने दिखाया कि न्याय जिंदा है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि 'जस्टिस नेवर स्लीप्स'।

कांग्रेस नेता ने कहा, विश्व में किसी भी देश की न्यायिक व्यवस्था इतनी ज्यादा जागरूक नहीं है कि रात में दो बजे किसी मामले की सुनवाई करे। जो कुछ कर्नाटक में हुआ वह लोकतंत्र की हत्या थी। सारे देश की निगाहें भाजपा प्रायोजित तमाशेबाजी पर लगी थीं।

गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव नतीजे में बीजेपी को 222 सीटों में से बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78, जेडीएस को 37 और 3 अन्य को मिले थे। सरकार बनाने के लिए 112 विधायकों की जरूरत है. बीजेपी को बहुमत के लिए 8 अतरिक्त विधायकों की आवश्यकता है।

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